दूसरों के नेक कामों की प्रशंसा करनी चाहिए: नाईक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज यहाँ गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में सन्मार्ग इवेन्ट एण्ड एडवरटाईजिंग प्रा0 लि0 द्वारा आयोजित सृजन-2015 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए चार मंत्रों पर अमल करना चाहिए। हमेशा मुस्कराते रहो, दूसरों के नेक एवं महान कार्यों की प्रशंसा करनी चाहिए, किसी भी व्यक्ति की अवमानना अथवा निन्दा नहीं करनी चाहिए तथा हर अच्छे काम को और बेहतर ढंग से करना चाहिए।
श्री राज्यपाल ने सृजन-2015 के आयोजकों तथा प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि सृजन कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं, प्रौढ़ तथा वयोवृद्ध व्यक्तियों की उपस्थिति का अनोखा संगम है। इसमें तीन पीढि़यों का अद्भुत परिदृश्य परिलक्षित हो रहा है। छात्राओं ने जो कार्यक्रम प्रदर्शित किये हैं वह भी अद्भुत तथा छात्राओं की विलक्षण प्रतिभा का परिचायक है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न बच्चों के कार्यक्रमों ने ही सम्पूर्ण सृजन-2015 के सफल आयोजन की प्रमाणिकता सिद्ध कर दी है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। यहाँ युवकों की संख्या सर्वाधिक है। भारत युवाओं का देश है। सभी देशवासियों को मिलकर राष्ट्र की एकता, अखण्डता, सुख-समृद्धि एवं सर्व शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाने में सक्रिय योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संयोग कि बात है कि 25 दिसम्बर प्रभु यीशु मसीह, पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन है अर्थात दिसम्बर माह महापुरूषों के अवतरित होने का पवित्र महीना है।
श्री नाईक ने सृजन कार्यक्रम 2015 के आयोजकों तथा सहयोगियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं, डाॅ0 शक्ति कुमार पाण्डेय, सर्वश्री हिमान्शु पाण्डेय, अमित अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, गौरव प्रकाश, कुशाल भार्गव, रेखा अग्रवाल, अमृत शर्मा, बलवीर सिंह, रूपाली सचान, वाई0पी0 दत्ता, आशीष चन्द्रा, वाई0के0 गुप्ता, पी0के0 दत्ता, रेखा अग्रवाल, पवन अग्रवाल, संयोगी पाण्डेय एवं अमित कुमार के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की।