बुन्देलखण्ड में सूखे की समस्या पर मुख्यमंत्री गंभीर
तत्काल राहत के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की बैठक, मनरेगा दिवस 150 करने के निर्देश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव आलोक रंजन सहित बुन्देलखण्ड मण्डल के मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूखे को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावित लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ग्राम स्तर पर कैम्प लगाकर जाॅब कार्ड बनवाए जाएं। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के अन्तर्गत रोजगार दिवसों को 100 से बढ़ाकर 150 दिवस किया जाए, जिससे बुन्देलखण्ड वासियों को अधिकतम रोजगार उपलब्ध हो सके। खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले राहत सम्बन्धी कार्यों का क्रियान्वयन तत्काल सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर बुन्देलखण्ड में सूखे की गम्भीर समस्या के मद्देनजर प्रभावित परिवारांें को तत्काल राहत उपलब्ध कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में किसी भी व्यक्ति की भुखमरी से मृत्यु न होने पाए। इसके लिए सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। भुखमरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। खराब ट्रांसफार्मरों को तत्काल बदला जाए तथा ट्रांसफार्मर का बफर स्टाॅक बनाया जाए। साथ ही, विद्युत दोषों का तत्काल निवारण किया जाए। मनरेगा के अन्तर्गत बड़े तालाबों की खुदाई, वृहद स्तर पर कराई जाए तथा मनरेगा के अन्तर्गत धनराशि समय से जनपदों को उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि बुन्देलखण्ड में समाजवादी पेंशन योजना के तहत शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बुन्देलखण्ड में पात्र लाभार्थियों को अधिक से अधिक खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी आवश्यक सूचनाएं तत्काल खाद्य आयुक्त को उपलब्ध करा दें, ताकि जनपदों में वितरण हेतु खाद्यान्न की कोई कमी न होने पाए। उन्होंने पशुओं को भी पीने हेतु पानी तथा चारे की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।
श्री यादव ने बुन्देलखण्ड में पीने के पानी की समस्या से निपटने के लिए खराब हैण्डपम्पों को रिबोर/मरम्मत किए जाने एवं आवश्यकतानुसार नए हैण्डपम्प लगवाए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सूखे तालाबों एवं पोखरों को राजकीय एवं निजी नलकूपों से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराकर पर्याप्त जल भरवाने के निर्देश दिए, ताकि पशुओं को पीने के पानी की दिक्कत न होने पाए।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि शीतलहर से गरीबों की रक्षा हेतु कम्बलों का वितरण एवं सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्री रंजन ने बताया कि बुन्देलखण्ड के 7 जनपदों में सामान्य आपदाओं के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 770.50 लाख रुपए तथा ओलावृष्टि के मद में 140489.68 लाख रुपए की धनराशि निर्गत की जा चुकी है। कृषकों के मुख्य राजस्व देयों (भू-राजस्व एवं सिंचाई की वसूली) 31 मार्च, 2016 तक स्थगित किए जाने के साथ ही इस अवधि में सम्बन्धित विविध देयों की वसूली हेतु किसानों के विरुद्ध कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार, प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास दीपक त्रिवेदी, खाद्य आयुक्त अजय चैहान, मण्डलायुक्त झांसी के0 राम मोहन राव, मण्डलायुक्त चित्रकूट वेंकटेश्वर लू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं झांसी एवं चित्रकूट मण्डल के जिलाधिकारी शामिल थे।