कीर्ति आज़ाद ने अमित शाह से पूछा निलंबन का कारण
नई दिल्ली : सांसद कीर्ति आजाद को बीजेपी से निलंबित किए जाने के बाद पार्टी में सियासी घमासान तेज हो गया है। गौर हो कि डीडीसीए मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सांसद कीर्ति आजाद को बीजेपी ने सस्पेंड कर दिया है
निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने गुरुवार को पलटवार करते हुए कहा कि मैंने पार्टी विरोधी कौन सा काम किया है। अगर सत्य कहना अपराध है तो मैं ये अपराध करता रहूंगा। मैं डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मामले को पिछले नौ साल से उठाता आ रहा हूं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि इस मामले में मैं हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा। निलंबन मामले पर उन्होंने कहा कि बेहतर होता यदि इस मामले में पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस दिया जाता। कीर्ति आजाद ने डीडीसीए से जुड़े विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है और साथ ही उन्होंने उन ‘विशिष्ट कारणों’ के बारे में भी पूछा है, जिनके चलते पार्टी द्वारा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
उधर, निलंबन की कार्रवाई के बाद गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलाकात का सिलसिला तेज हो गया। कीर्ति आजाद को पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और शांता कुमार ने मुरली मनोहर जोशी के आवास पर मुलाकात की।
बिहार के दरभंगा से भाजपा के सांसद आजाद यह कहते रहे हैं कि उनकी लड़ाई दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के खिलाफ है, न कि किसी व्यक्ति के खिलाफ। आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री मेरे आग्रह को सुनेंगे और न्याय करेंगे। मैं मार्गदर्शक मंडल से भी कहूंगा कि वह आगे आए और इस मामले को देखें। भाजपा ने बुधवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए आजाद को निलंबित कर दिया था। आजाद डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करते रहे हैं। आजाद को निलंबित करते हुए उन पर आरोप लगाया गया कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और पार्टी को ‘बदनाम’ करने के लिए कांग्रेस और आप के साथ ‘मिलकर काम कर रहे’ हैं। आजाद ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी पर पूरा ‘विश्वास’ है और उम्मीद है कि वह ‘न्याय’ करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से (निलंबन का) नोटिस मिला था और वह आज शाम तक अपना जवाब देंगे। आजाद ने कहा कि मुझे एक नोटिस तो मिला है लेकिन उसमें कोई विशेष (कारण) नहीं दिया गया कि मैं कब और कहां पार्टी-विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा? मेरा असल दोष क्या है? मैं पार्टी से इन असल कारणों के बारे में जानना चाहूंगा, इससे मुझे अपना जवाब देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुझसे कहा है कि वह (नोटिस का) जवाब तैयार करने में मेरी मदद करेंगे। आजाद ने कहा कि वह डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा पिछले नौ साल से उठाते रहे हैं लेकिन कभी भी इसे पार्टी का मुद्दा नहीं बनाया।
उन्होंने सवाल उठाया कि मैं पार्टी के बाहर से डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा। इसलिए मैं जानना चाहूंगा कि क्या यह कार्रवाई (निलंबन) भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से है? आजाद ने यह भी कहा कि डीडीसीए के मुद्दे पर वह जल्दी ही एक जनहित याचिका दायर करेंगे। भाजपा के संसदीय बोर्ड ने आजाद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का यह कदम जेटली पर हमला बोलने वाले उनके संवाददाता सम्मेलन के आयोजन और संसद के अंदर एवं बाहर एक तरह से ललकारे जाने के बाद उठाया।
आजाद को निलंबित किए जाने की घोषणा पार्टी मुख्यालय से आई लेकिन बोर्ड की ओर से उन्हें विस्तृत पत्र भेजा गया, जिसमें उन्हें संसद के अंदर और बाहर ऐसी ‘पार्टी-विरोधी’ गतिविधियों में शामिल बताया गया, जो पार्टी और उसके पदाधिकारियों की ‘प्रतिष्ठा को धूमिल’ करती हैं।