निराश्रित महिलाओं के लिए भी बनाये जाएं रैन-बसेरे
उम्मीद संस्था ने आयुक्त नगर निगम व महापौर से की अपील
लखनऊ: ‘उम्मीद‘ संस्था ने आज निराश्रित महिलाओं के लिए रैन-बसेरे बनाने के लिए नगर निगम व लखनऊ के महापौर से अपील की ।
यूपी प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में संस्थापक बलबीर सिंह मान ने बताया कि लखनऊ शहर में एक भी रैन-बसेरा ऐसा नहीं है जिनमें निराश्रित एवं पीडि़त लड़कियांें या महिलाओं को राहत पहुँचाने का तुरन्त बन्दोबस्त हो सके। ‘उम्मीद‘ संस्था द्वारा हर साल लखनऊ शहर मंे सर्दियों के मौसम में गरीब़ एवं असहाय लोागों के लिए रैन-बसेेरों का प्रबन्ध किया जाता है, परन्तु यह भी देखा गया है कि जब कोई पीडि़त या निराश्रित महिला मिलती है तो उसे रखने के लिए समस्यायें खड़ी हो जातीं है। इन समस्याओं को देखते हुये ‘उम्मीद‘ संस्था ने लखनऊ के जिला प्रशासन एवं लखनऊ नगर-निगम से गुहार की।
उन्होंने नगर- निगम, लखनऊ व महापौर, लखनऊ से अनुरोध किया कि नगर-निगम, लखनऊ द्वारा बनाए गये रैन-बसेरों में से एक रैन-बसेरा महिलाओं के लिए आवंटित कर दिया जाए, जिससे पीडि़त एवं परेशान महिलाओं के लिए एक अस्थाई व्यवस्था हो सके। जिससे कि वह अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें और उनको उस ‘शेल्टर‘ के माध्यम से राहत पहुँचायी जा सके। इस कार्य के लिए जिलाधिकारी महोदय, लखनऊ एवं ‘बाल संरक्षण आयोग‘ की अध्यक्ष, जूही सिंह, ‘महिला आयोग‘ की अध्यक्ष, ज़रीना उस्मानी एवं ‘वीमेन पाॅवर लाईन -1090‘, लखनऊ की तरफ से एक प्रशंषा एवं सहयोग पत्र भी संस्था को दिया गया है।
‘उम्मीद‘ संस्था के संरक्षक एवं सलाहकार प्रमिल द्विवेदी ने कहा कि मित्रों, इस नेक कार्य के लिए जिलाधिकारी ने पिछले महीने ही नगर आयुक्त को निर्देशित कर दिया था किन्तु अब नगर निगम, लखनऊ एवं महापौर, लखनऊ को अन्तिम निर्णय लेना है, जिसमें कि बहुत देरी हो रही है और धीरे-धीरे ठंड भी तेजी से बढ़ती जा रही है। पूरे प्रदेश में निराश्रित एवं असहाय महिलाओं के लिए एक भी रैन-बसेरा नहीं है और यदि नगर निगम, लखनऊ एवं महापौर, लखनऊ थोड़ा ध्यान दें तो यह उत्तर प्रदेश का पहला निराश्रित एवं पीडि़त महिलाओं का रैन-बसेरा होगा।