घरेलू लाइब्रेरी अभियान का संदेश वाहक बना बुक फेयर
लखनऊ। ‘दो साल पहले जब डा.कलाम ने यहीं बुक फेयर में घर में लाइब्रेरी बनाने के लिए प्रेरित किया था, तब मैंने शूरुआत की अब दोस्त भी साथ हैं, उनकी मदद से संग्रह बढ़ाने आया हूं।- कहना सौमित्र का है। नजमा बताती है- मैंने भी घर में औरतों के विषयों की किताबें और मजहबी किताबें जमा की हैं, मेरी मुहल्ले में अच्छी पूछ बन गई है।
मोतीमहल वाटिका के चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में सौमित्र और नजमा की तरह बहुतेरे मिल जाएंगे जो घरेलू लाइब्रेरी तैयारकर अपने छोटे से प्रयास से समाज को जगाने और शिक्षित करने का काम कर रहे हैं।
पुस्तक मेले में आज छठे दिन खूब रौनक रही। साहित्य प्रेमियों को मेले में साहित्य भण्डार इलाहाबाद, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रभात प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, साहित्य भवन आगरा, राधाकृष्ण प्रकाशन, सामायिक प्रकाशन, राजकमल प्रकाषन व स्थानीय रचनाकारों के स्टाल आकर्षित कर रहे हैं। अंग्रेज़ी की किताबों के खासे स्टाल मेले में हैं।
मेले के मुख्यमंच पर आज दिन में मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब का सम्मान समारोह चला। इसके उपरांत शीला पाण्डेय के संचालन में युवा साहित्यकार संतोशकुमार कौशिल से प्रो.रविकांत की रचनात्मक बातचीत श्रोताओं के सामने आई। रचनाकर कौशिल ने ‘कबतक कोई पाप करेगा, बेटी को अभिशाप कहेगा‘ जैसी रचना सुनाई।
शाम को इसी मंच पर डा.राजेश कुमार के काव्यसंग्रह ‘बिटिया तुलसी दूब है’ का लोकार्पण हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदयप्रताप सिंह, कैबिनेट मंत्री रामआसरे कुशवाहा, गिरीश नारायण पाण्डेय, मुकुल महाल, डा.निर्मल दर्शन, अनीता श्रीवास्तव, भोलानाथ अधीर, अशोक अज्ञानी, पंकज प्रसून साहित्यप्रेमियों की मौजूदगी में काव्य समारोह के संग हुआ।
मेले में आज बांग्ला भाषा के साथ ही पंजाबी भाशा की कक्षाएं चली। यहां उर्दू भाशा की कक्षाएं 23 दिसम्बर से षाम चार से छह बजे तक चार दिन तक चलेंगी। गायक मोहम्मद रफी के जन्मदिन पर 24 दिसम्बर को आरजे जेपी और आरजे सुष्मित, अखिलेष आदि ‘ट्रिब्यूट टू रफी’ कार्यक्रम पेश करेंगे।
बाल व नवयुवा मंच पर ज्योति किरन रतन के संचालन में चले कार्यक्रम में असीम अहमद, कुलसुम फिरदौस, मसरा अंजुम, पार्थो सेन, प्रवीर, यषिता, वसुंधरा, दीपा, अग्रिमा, भावना प्रजापति, सचिन, यामिनी, अवनीष, स्वर्णिका दास, अष्वित, देवर्ष धर आदि ने भाग लिया। यहीं एनपीसीआईएल की ओर से रोचक ऊर्जा प्रश्नोत्तरी में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता संयोजक बताया कि पुस्तक मेले के इस मंच पर गैर प्रतियोगी खण्ड में कोई भी बच्चा या बड़ा अपनी नृत्य, गायन, लेखन आदि प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है।