फिर सरगर्म हुई शांत अयोध्या
रामसेवकपुरम में पहुंची पत्थरों की दूसरी खेप, कारीगर भी बढे
अयोध्या: लम्बे समय से शांत पड़ी अयोध्या में मंदिर आंदोलन की सरगर्मी फिर बढ़ने लगी है। एक दिन पूर्व भरतपुर से पत्थरों की एक खेप रामसेवकपुरम में लाई गई थी। सोमवार को पत्थरों की दूसरी खेप भी पहुंच गई। विहिप ने राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में पत्थरों की तराशी के लिए कारीगरों की संख्या भी बढ़ा दी है।
पत्थरों की आमद शुरू होने से वर्ष 2007 से बंद पड़ी राम मंदिर निर्माण की कार्यशाला में फिर से हलचल शुरू हो गई। पत्थरों को यहां लाए जाने की भूमिका विहिप के सुप्रीमो अशोक सिंहल ने जून 2015 में तैयार कर दी थी। इसी सिलसिले में मणिराम छावनी में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में रामजन्मभूमि न्यास के प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक हुई।
इस बैठक में ही ऐलान किया गया कि दानदाताओं से अब कोई धनराशि नहीं ली जाएगी बल्कि उनसे सीधे पत्थरों का दान लिया जाएगा। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने माना कि जुलाई माह में श्रीसिंहल ने बड़े दानदाताओं के साथ बैठक की थी और उसमें सौ बड़े दानदाताओं के नाम भी तय हो गए थे।
शर्मा के अनुसार प्रस्तावित राम मंदिर माडल में एक लाख 75 हजार घनफुट लाल पत्थर लगने हैं। 75 हजार घनफुट पत्थरों की कमी थी जिसे पूरा कर लिया गया है। वही पत्थर अब यहां लाए जा रहे हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण के नाम पर पत्थरों की आमद से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।