सेल्फ डिफेंस के फाइनल मुकाबले में लड़कियों में दिखा जोश
1090 कैंपस में लड़कियों ने ली स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग, वूमेन पॉवर एंजल ने भी सीखा मुकाबले का हुनर
लखनऊ : लड़कियां और छात्राएं अब अपनी सुरक्षा खुद करने को लेकर काफी सजग हैं। वह हर मोड़ पर मनचलों और बदमाशों को मात देने का हुनर सीखना चाहती हैं, यही वजह है कि बीते एक सप्ताह से राजधानी के 1090 वूमेन पॉवर लाइन कैंपस में लड़कियां सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही थी। इसका फाइनल मुकाबला सोमवार को देखने को मिला। जोश से लबरेज लड़कियों ने सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग हर रविवार को दिए जाने की मांग की है।
यशभारती पुरस्कार से सम्मानित स्पेशल कमांडो ट्रेनर अभिषेक यादव ट्रेनिंग देकर लड़कियों को हर मुकाबले के लिए तैयार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वूमेन पावर लाइन 1090 पूरे प्रदेश की लड़कियों और महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। राजधानी लखनऊ में बने ऑफिस में हर दिन करीब 385 मामले दर्ज किए जाते हैं। एक आकड़े के मुताबिक, यूपी में सपा सरकार बनने के बाद तीन साल में कुल चार लाख 21 हजार 400 मामले दर्ज किए गए। इसमे से वर्तमान में चार लाख 12 हजार 412 मामलों को निस्तारित किया गया है। लड़कियों की छेड़खानी की शिकायतों को लेकर 1090 का गठन किया गया था।
सेल्फ डिफेंस को लेकर लड़कियों में क्रेज भी बढ़ रहा है, इससे न केवल वह बदमाशों का आसानी से मुकाबला कर सकती हैं, बल्कि उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले भी कर सकती है। इस तकनीक में कुल आठ स्टेप सिखाए जाते हैं। इससे कोई भी कमजोर से कमजोर लड़की बॉडी बिल्डर को भी पल भर में ही धूल चटा सकती है। बस जरूरत है केवल सेल्फ डिफेंस की सही तकनीक के इस्तेमाल करने की।
1090 के प्रभारी कुंवर राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि हम कम संसाधनों में बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। महिलाओं या लड़कियों की समस्याओं को लेकर विमेन पॉवर लाइन हमेशा शिकायत दर्ज करती है। यदि किसी लड़की या महिला को काउंसिलिंग की जरूरत होती है, तो उसकी भी व्यवस्था करवाई जाती है, लेकिन लड़कियां यदि सेल्फ डिफेंस को बेहतर तरीके से सीख लेंगी तो वह खुद भी कभी भी आपातकाल में मुकाबला कर सकती हैं। 1090 की कोशिश है कि हर लड़की सेल्फ डेफेंस की बारीकियों को जाने और अपनी सहेलिओं और घर वालों को भी बताए।
अभी सेल्फ प्रोटेक्शन ट्रस्ट के संयोजक और सेल्फ डिफेंस के ट्रेनर अभिषेक यादव का कहना है कि इस ट्रेनिंग से हर कदम पर सुरक्षा मिलती है। आप कही भी जा रहे हैं, अकेले हैं या समूह में, हमेशा आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकते हैं। केवल तीन दिनों की ट्रेनिंग में आपको सेल्फ डिफेंस के बेहतर तरीके सिखाए जाते हैं।
सेल्फ डिफेंस सीख रही नेहा सिंह का कहना है कि यह तकनीक सरल है, इसलिए आसानी से समझ में आ जाता है। कहीं भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। भीड़ से बचने के तरीके भी इसमे बताए जाते हैं। पूनम यादव कहतीं हैं कि इससे हम चाकूबाजों से मुकाबला कर सकते हैं, डर कर भागने की जरूरत नहीं है, इससे तो मनचले को पकड़कर पुलिस को सौंपा जा सकता है। विश्व मोहनी के मुताबिक, हम कम समय में सेल्फ डिफेंस को बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। यह बहुत जरूरी है। इससे लड़कियों में मुकाबला करने का कान्फिडेंस आ जाता है।