अमरीका में तीन गुना बढ़ी हैं मुस्लिम विरोधी घटनाएं
वॉशिंगटन। पेरिस और कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्दिनो में आतंकी हमले के बाद पूरे अमेरिका में इस्लाम और मस्जिदों के प्रति नफरत में तीन गुने की बढ़ोतरी हुई है। नए आकड़ों केअनुसार एक महीने के भीतर अमेरिका हिजाब पहनने वाली स्टूडेंट्स पर भी हमले, मस्जिदों में तोडफ़ोड़, मुस्लिमों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर शूटिंग और जान से मारने की धमकी जैसी कई घटनाएं सामने आई हैं। इस मामले में कौलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च ग्रुप ने विश्लेषण किया और उसके बाद इस डेटा को जारी किया है।
प्रेसिडेंट बराक ओबामा और सिविल राइट्स लीडर्स ने अमेरिका में मुस्लिमों पर पलटवार करने को लेकर चेतावनी दी थी। कैलिफोर्निया में हमले के बाद इन नेताओं ने अमेरिकी नागरिकों को प्रतिक्रिया को लेकर आगाह किया था। लेकिन विश्लेषण के पहले दस्तावेज में इन वाकयों में बढ़ोतरी की बात सामने आई है। अमेरिका में नेताओं ने भी इस्लाम विरोधी बयान दिए थे। इसके बाद वहां के नागरिकों में इस्लाम के प्रति नफरत और बढ़ी है।
कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक क्रिमिनॉलजिस्ट ब्रायन लेविन ने कहा कि आतंकी हमले के बाद अमेरिकी मुख्यधारा में चारों तरफ मुस्लिम विरोधी स्टीरियोटाइप भावना का रिसाव हुआ है। अपने गुस्से और डर को लेकर वहां के लोग इसी रूप में प्रतिक्रिया को प्रोस्ताहित कर रहे हैं। लेविन यूनिवर्सिटी में हेट क्राइम रिसर्च को लेकर ‘द सेंटर फॉर स्टडी ऑफ हेट ऐंड एस्ट्रीमिजम’ नाम से एक ग्रुप चलाते हैं। लेविन ने इस स्टडी का डेटा न्यूयॉर्क टाइम्स को मुहैया कराया है।
हाल के वर्षों में अमेरिका में एक महीने के भीतर मुस्लिमों के खिलाफ औसत 12.6 प्रतिशत संदिग्ध हेट क्राइम सामने आए। यह एफबीआई के एक रिसर्च ग्रुप का डेटा है। लेकिन 13 नंवबर को इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए पेरिस में हमले के बाद मुस्लिमों के खिलाफ हमले में तीन गुने के बढ़ोतरी हुई। स्टडी के मुताबिक अपने स्वभाव में 38 मुस्लिम विरोधी हमले हुए। यह रिपोर्ट न्यूज मीडिया एंड सिविल राइट्स ग्रुप के डेटा पर आधारित है। सैन बर्नार्दिनों में दो दिसंबर को इस्लामिक स्टेट के एक मुस्लिम कपल द्वारा हमला हुआ था। इसमें 14 लोग मारे गए थे। इस घटना के बाद मुस्लिम विरोधी हमले के 18 मामले सामने आए हैं।
11 सितंबर, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमलों के बाद अमेरिका में मुस्लिमों पर जितने हमले हुए उसके मुकाबले ये कम हैं। तब मुस्लिमों पर हमले के सैकड़ों मामले सामने आए थे। उस समय कुछ सिखों को भी मुस्लिम समझ लिया गया था। लेकिन लेविन का कहना है कि हमले का प्रकार उसी तरह का हेट क्राइम है। लेविन ने कहा कि मैं इससे दु:खी हूं, लेकिन यह चौंकाने वाला नहीं है। जब भी हमने इंटरग्रुप टकरावों को सुर्खियां बनते देखा है तब अक्सर अपराध बढ़ जाते हैं।