डीडीसीए घोटाले में अरुण जेटली की सीधी भूमिका: आप
नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार पर हाथ क्या डाला राजनीतिक में मानों बवंडर उठ खड़ा हुआ। लड़ाई सीधे केंद्र बनाम राज्य सरकार की हो गई और इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए आम आदमी पार्टी ने अरुण जेटली पर हमला बोला। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर घोटाले का आरोप लगाते हुए आप नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस की। आप ने जेटली की निगरानी में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिपद से बर्खास्त करने की मांग की।
प्रेस कांफ्रेंस में कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और आशुतोष शामिल थे। कुमार विश्वास ने कमान संभालते हुए कहा कि जेटली ने 15 साल तक डीडीसीए का दोहन किया है। डीडीसीएम पर खुद बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने भी सवाल उठाए। घोटाला उजागर करने पर सीएम को निशाना बनाया। सीएम के दफ्तर में जबरन सीबीआई को भेज कर सीएम ऑफिस से जुडी फाइलों को खंगाला गया। इसके बाद विश्वास ने राघव चड्ढा को कमान दे दी।
चड्ढा ने कहा कि डीडीसीए में 15 साल में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने कहा – आरोप नंबर 1- नया स्टेडियम बनाने में 24 करोड़ दिए गए थे, लेकिन इसमें 114 करोड़ खर्च किए गए। तो फिर 90 करोड़ कहां गए। आरोप नंबर 2- दो करीबियों को दिए गए ठेके। फर्जी कंपनियां बनाकर डीडीसीए से पैसा निकाला गया। आरोप नंबर 3- बिना इनवाइस लिए बिलों का पेमेंट कर दिया गया। कुछ ऐसी कंपनियों को खर्चों की पेमेंट कर दी गई जिन्होंने काम किया ही नहीं। 9 में से 5 कंपनियों के पते, ईमेल, डायरेक्टर एक ही हैं।
चड्ढा ने आरोप लगाया कि 16 फर्म को 1 करोड़ 15 लाख रुपये की पेमेंट एक ही काम के लिए कर दी गई। डीडीसीए ने 1.55 करोड़ तीन कंपनियों को लोन दिया, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई। प्रॉक्सी बिलिंग के जरिए डीडीसीए से पैसा निकाला गया। डीडीसीए की कार्यकारिणी ने प्रॉक्सी बिलिंग करवाई। डीडीसीए के खजांची नरेंद्र बत्रा के साथ अरुण जेटली के क्या संबंध हैं बताया जाए।
आप प्रवक्ता ने कहा कि जेटली के अध्यक्ष पद कार्यकाल के दौरान फ़र्ज़ी कंपनी बनाकर करोड़ों का घोटाला किया गया। जब जेटली से घोटाले के बारे में जानकारी मांगी गई तो उसका जवाब उनके पास नहीं था। कुछ ऐसी कंपनियों को पेमेंट की जा रही है जिन्होंने कभी काम किया ही नहीं। पांच कंपनियों को DDCA ने भुगतान किया, पांच कंपनियों के पते एक ही जगह पर। करीबियों के दिए गए ठेके बिना जांच बिलों का भुगतान किया गया।
चड्ढा ने कहा कि डीडीसीए में कहीं कोई हिसाब नहीं रखा और हज़ारों रूपये के बिलों का नगद में भुगतान किया। जेटली ने पैसे देकर फर्जी केस करवाए। जो ऑडिटर डीडीसीए के खातों की जांच करता था खुद उसके खिलाफ ही भ्रष्टाचार के आरोप और जांच चल रही है। जेटली जी से मांग करते हैं कि सार्वजनिक रूप से स्वीकार करें कि उनके DDCA के खजांची नरेंद्र बत्रा से क्या संबंध थे।
जेटली जी ने डीडीसीए में बने 10 कॉर्पोरेट बॉक्सेस को किन लोगों को बेचा उनसे कितना पैसा लिया गया? डीडीसीए में खेलने वाले खिलाड़ियों की उम्र में भी फर्जीवाड़ा हुआ। जेटली जी के कार्यकाल में DDCA एक एलीट क्लब बन गया है, यहां अमीरों का कब्जा हो गया। मोदी जी अपने भ्रष्ट मंत्री को हटाइए, जेटली जी इस्तीफ़ा दे और उनके खिलाफ जांच हो।