जाफ्जा में भारतीय कंपनियों ने 10 % वार्षिक की दर से वृद्धि की
मध्य-पूर्व में गैर-तेल बिजनेस सुअवसर लगभग 4 ट्रिलियन डालर रहने का अनुमान है। हर देश कंस्ट्रक्शन एवं इंजीनियरिंग के अतिरिक्त फूड एवं पेय, हेल्थकेयर, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट, दूरसंचार, हास्पिटालिटी आदि जैसे क्षेत्रों में उनके पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने एवं विविधिकृत करने के लिए आक्रमक शैली अपना रहा है। दुबई के क्षेत्र के कमर्शियल हब के रूप में उभरने के साथ जेबेल अली फ्री जोन (जाफ्जा) विश्वभर के बिजनेस के लिए मध्य-पूर्व में उनकी उपस्थिति बढ़ाने के हाॅटस्पोट के रूप में तेजी से उभर रहा है। अरब जगत के अतिरिक्त जाफ्जा पश्चिम एशिया, अफ्रीका, सीआईएस और भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के बाजारों के द्वार के रूप में उभर रहा है। 800 से अधिक भारतीय कंपनियां जाफ्जा में बेस स्थापित कर चुकी है। जाफ्जा के आंकड़े के अनुसार, 2014 में फ्री जोन में स्थित भारतीय कंपनियों ने 10 % वार्षिक की दर से वृद्धि की है।
जाफ्जा विश्व का एक प्रमुख फ्री जोन है। यह प्रमुख कंटेनर टर्मिनल (जेबल अली पोर्ट) और प्रमुख इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अल मक्तुम इंटरनेशनल एयरपोर्ट) के बीच स्थित क्षेत्र का अति सक्षम लाॅजिस्टिक्स हब है जो मल्टी माॅडल कनेक्टिविटी में श्रेष्ठ प्रदान करता है। जाफ्जा दुबई के गैर तेल व्यापार का एक प्रमुख चालक है। 2014 में यहां 96.5 बिलियन यूएसडी का व्यापार हुआ। अन्य लाभ के बीच यहां कार्यरत बिजनेस को 50 वर्ष की कर छूट भी उपलब्ध है।
जाफ्जा की वरिष्ठ टीम ने मुंबई में 3 दिन के रोड शो की मेजबानी की जहां उन्होंने बड़े कार्पोरेट गृह, एसएमई निवेशक एवं व्यापार संस्थाओं के साथ निवेश सुअवसरों के बारे में चर्चा की, जो जाफ्जा विशेष रूप से भारतीय मल्टीनेशनल को आॅफर करने के लिए तैयार है।
इंडिया रोड शो में जाफ्जा टीम का नेतृत्व जाफ्जा डिप्टी सीईओ और फ्रीजोन की मातृ कंपनी, इकोनाॅमिक जोन्स वल्र्ड के चीफ कमर्शियल आॅफिसर इब्राहिम मोहम्मद अल जहानी ने किया।