प्रदेश सरकार का एक मुस्लिम मंत्री भी है रसूले खुद का अपमान करने का दोषी : कल्बे जवाद
आसफि मस्जिद में हुआ विरोध प्रदर्शन, कमलेश तिवारी की फांसी की मांग
लखनऊ :पैगम्बर मुहम्मद स0अ0 के अपमान के दोषी कमलेश तिवारी के खिलाफ आज मजलिसे उलमाये हिन्द की तरफ से मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में आसफ़ी मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ । प्रदर्शनकारियों को सम्बोद्वित करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि पैग़म्बर मुहम्मद स0अ0 के अपमान के दोषी केवल कमलेश तिवारी ही नहीं है बल्कि वह तथाकथित मुस्लिम मंत्री भी है जिसने पहले हिंदू महासभा के खिलाफ बयान दिया। इस मंत्री के भड़काऊ बयान के बाद कमलेश तिवारी ने पैगम्बर साहब का अपमान किया है इसलिये उस मंत्री का भी अपमान का दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया जाये और दंडित किया जाये ।
मौलाना ने कहा कि यह हिंदू महासभा और मंत्री की मिलीभगत से हुआ है ताकि हिन्दू मुसलमान आपस में लड़ते रहें और वोट विभाजित हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस समय इस्लाम दुश्मन ताकतें मुसलमानों को मानसिक टॉर्चर कर रही हैं इसलिए रसूले खुदा की शान में गुस्ताखी की जा रही है और भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं, यही तथाकथित मुस्लिम मंत्री राज्य सरकार को बदनाम कर रहा है।
मौलाना ने कहा कि इस समय पैग़म्बर साहब के अपमान के खिलाफ शिया व सुन्नी मुसलमानों को मिलकर बड़ा प्रदर्शन करने की जरूरत है जिस तरह रसूले खुदा का कार्टून बनाने वाले के खिलाफ शिया व सुन्नी उलमा ने बडा संयुक्त विरोध किया था उसी इतिहास को दोहराने की जरूरत है ताकि पक्षपातपूर्ण लोगों के मुंह बंद हों और सरकार मजबूर होकर उसके खिलाफ फांसी की सजा देने की कार्रवाई करे ।मौलाना ने कहा कि पैगम्बर साहब के अपमान की सजा शरीयतए इस्लाम में मौत है इस लिये केवल उसकी गिरफ्तारी या एन0एस0ए0 लगाने से कुछ नहीं होगा सरकार उसे फांसी दे अगर ऐसा नहीं होता है तो समझा जाएगा कि राज्य सरकार भी अपमान मै उसके साथ शामिल है।
जुमे की नमाज के बाद आसफ़ी मस्जिद से प्रदर्शन जुलूस बरामद हुआ और बड़े इमामबाड़े के बाहर सड़क पर पहुँच कर कमलेश तिवारी का पुतला जलाया गया ।प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि पैग़म्बर साहब के अपमान के अपराध में कमलेश तिवारी को फांसी की सजा दी जाए और मंत्री के खिलाफ भी वैसी ही कार्रवाई हो जिस भड़काऊ बयान के कारण कमलेश तिवारी ने अपमान का साहस किया।
प्रदर्शन में मौलाना फीरोज हुसेन,मौलाना जव्वार हुसेन, मौलाना सरकार हुसेन,मौलाना शबाब हैदर और अन्य उलेमा ने भाग लिया।