लखनऊ। उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकायुक्त के अधिवक्ता से पूछा है कि यदि खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत झूठी थी तो क्या कार्रवाई की गई। यदि नहीं की गई तो आगे कब तक की जाएगी? नूतन ने याचिका में खनन मंत्री के आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में लोकायुक्त के समक्ष की गई शिकायत में उनके दिए गए साक्ष्यों की जांच एसआईटी से कराए जाने की मांग की है।

गुरुवार को याचिका का विरोध करते हुए लोकायुक्त के अधिवक्ता अनुपम मेहरोत्रा ने दलील दी कि लोकायुक्त के समक्ष याची की शिकायत आधारहीन होने के कारण खारिज की गई थी। इस पर न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति एआर मसूदी की खंडपीठ ने लोकायुक्त के अधिवक्ता से पूछा कि यदि शिकायत झूठी थी तो लोकायुक्त अधिनियम की धारा- 13 के अनुसार शिकायतकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस पर अधिवक्ता ने कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि शिकायतकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई विचाराधीन है। तब न्यायालय ने अधिवक्ता को निर्देश लेकर यह स्पष्ट करने को कहा कि शिकायतकर्ता के विरुद्ध कब तक कार्रवाई की जाएगी? 

इसके पहले लोकायुक्त के अधिवक्ता ने यह दलील भी दी कि पूर्व में हाईकोर्ट नूतन ठाकुर पर याचिका दाखिल करने के लिए 25 हजार रुपये का ड्राफ्ट जमा करने की शर्त लगा चुका है लेकिन इस याचिका के लिए याची ने ड्राफ्ट नहीं जमा किया है। इस पर न्यायालय ने कहा कि वह आदेश नूतन ठाकुर द्वारा जनहित याचिका दाखिल करने के संबंध में था जबकि  वर्तमान याचिका व्यक्तिगत तौर पर दाखिल की गई है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान लोकायुक्त की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी होगी।