रहाणे ने संभाली भारत की लड़खड़ाती पारी
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में जारी टेस्ट मैच में पहले दिन भारत की पारी लड़खड़ा गई। भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 7 विकेट खोकर 231 रन बना लिए हैं। पहले दिन की शुरुआत भारत के टॉस जीतने के साथ हुई। भारत की शुरुआत बेहद धीमी रही और उसके विकेट लगातार अंतराल पर गिरते रहे।
इससे पहले भारत ने 140 रन के निजी स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे। लेकिन रहाणे ने टीम के स्कोर को बढ़ दिया। रहाणे अभी 89 रनों के साथ क्रिज पर जमे हुए हैं। वहीं भारत का कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका। भारत ने अपना पहला विकेट 30 रन के स्कोर पर 17वें ओवर में गंवाया जब डेन पीट ने मुरली विजय को हाशिम अमला के हाथों आउट कराया। विजय ने 59 गेंदों पर 12 रन बनाए।
शिखर धवन भी 33 रन बनाकर डेन का शिकार बने। 30वें ओवर में भारत को तीसरा झटका लगा जब चेतेश्वर पुजारा 13 रन के निजी स्कोर पर काइल एबॉट का शिकार बने। इसके बाद विराट कोहली ने कुछ जमकर खेलने की कोशिश की लेकिन डेन ने उन्हें भी 44 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन भेज दिया। रोहित शर्मा भी महज 1 रन बनाकर डेन का शिकार बने। रिद्धिमान साहा को 1 रन पर काइल एबॉट ने बोल्ड किया। अंजिक्य रहाणे ने जरूर कुछ टिककर खेलने का माद्दा दिखाते हुए अर्धशतक जमाया। इस बीच उनका साथ दे रहे रविंद्र जडेजा 24 रन बनाकर आउट हो गए।
इस मैच के लिए विराट कोहली ने एक बदलाव किया है। स्पिनर अमित मिश्रा की जगह उमेश यादव को मौका दिया गया है। यानी मैच में दो स्पिनर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा खेल रहे हैं। नागपुर टेस्ट में तीन स्पिनरों को खिलाया गया था।
विराट कोहली बतौर टेस्ट कप्तान दिल्ली में पहला मैच खेल रहे हैं और अपने और टीम के लिए यादगार जीत दर्ज करना चाहेंगे। चार मैचों की सीरीज में भारत ने फिलहाल 2-0 की अजेय बढ़त बना रखी है। यह जीत भारत को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंचा देगा।
मोहाली में भारत ने 108 रनों की जीत के साथ खाता खोला था। इसके बाद बेंगलुरू में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच बारिश में धुल गया था। तीसरा मैच नागपुर में खेला गया, जहां भारत ने तीन दिनों में दक्षिण अफ्रीका को 124 रनों से हरा दिया था। भारत कोटला में बीते 12 साल से टेस्ट मैचो में अजेय है। इस मैदान पर भारत ने 1993 के बाद से कोई मैच नहीं गंवाया है। वर्ष 1987 में भारत को इस मैदान पर वेस्टइंडीज के हाथों हार मिली थी। उसके बाद से भारत ने यहां खेले गए 10 में से नौ टेस्ट जीते हैं।