ब्याज दरों में कोई बदलाओ नहीं
मुंबई : रिजर्व बैंक ने बाजार के अनुमानों के मुताबिक प्रमुख नीतिगत दर में आज कोई बदलाव नहीं किया। नीतिगत ब्याज दर रेपो 6.75 प्रतिशत पर बनाए रखा है। खुदरा मुद्रास्फीति के चार माह के उच्चस्तर पर पहुंच जाने और माह के दौरान अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की संभावना के मद्देनजर विदेशी मुद्रा निकासी की आशंका को देखते हुये रिजर्व बैंक से दरें स्थिर रखे जाने की उम्मीद की जा रही थी।
रिजर्व बैंक ने इस साल जनवरी के बाद से अब तक प्रमुख नीतिगत दर में कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती की है। पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की उम्मीद से अधिक कटौती की गयी थी। इसके पहले बैंक ने जनवरी, मार्च और जून माह में बराबर बराबर 0.25-0.25 प्रतिश की कटौती की थी। रेपो दर वह दर है जिसपर आरबीआई बैंकों को फौरी जरूरत के लिए नकदी उधार देता है।
इसके साथ ही बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। बैंकों को अपनी कुल जमा का एक निश्चित अनुपात रिजर्व बैंक के पास सुरक्षित रखना पड़ता है, उसे ही सीआरआर कहते हैं। राजन ने कहा, खाद्य पदार्थ और ईंधन को छोड़कर खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार दो माह वृद्धि सतर्क रहने की तरफ इशारा करती है। उन्होंने वादा किया कि जब कभी गुंजाइश मिलेगी दरों में कटौती की जायेगी।
खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर पांच प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान दलहन तथा दूसरे खाद्य पदाथोर्ं के दाम बढ़ने से इसमें वृद्धि दर्ज की गई। यह रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति लक्ष्य के अनुरूप रही। राजन ने कहा कि मुद्रास्फीति दिसंबर तक बढ़ सकती है। यह रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक रह सकती है, हालांकि यह मामूली रूप से कम रह सकती है।
उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति में नरमी के उसके निर्धारित रास्ते पर आगे बढ़ाने का प्रयास करते हुये जब कभी भी गुंजाइश होगी, उसका दरों में और समन्वय बिठाने के लिये इस्तेमाल करेगा। बैंक ने मार्च 2017 तक मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। आर्थिक वृद्धि के मामले में रिजर्व बेंक ने अपने चालू वित्त वर्ष के लिये 7.4 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान को बरकरार रखा। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरआती संकेत दिखाते हैं।
राजन ने रेपो दर में हुई कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने को लेकर बैंकों पर नाराजगी भी जाहिर की है। राजन ने कहा कि केन्द्रीय बैंक द्वारा 1.25 प्रतिशत की कटौती के मुकाबले बैंकों ने ब्याज दरों में केवल 0.60 प्रतिशत तक ही कटौती की है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि वह इस सप्ताह के दौरान बैंकों की आधार दर तय करने की प्रणाली भी घोषित कर देगा। इसमें धन की सीमांत लागत पर गौर किया जायेगा। इस कदम से नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना सुनिश्चित हो सकेगा। बैंकों की आधार दर वह दर होती है जिससे कम दर पर वह कोई कर्ज नहीं देते।
रिजर्व बैंक ने बैंकों के फंसे कर्ज पर अंकुश लगाने पर भी जोर दिया। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों के बहीखाते साफ सुथरे होने से रिण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बारे में रिजर्व बैंक ने कहा कि इससे वित्तीय लेखाजोखा गड़बड़ा सकता है। वेतन वृद्धि के अतिरिक्त खर्च को या तो अतिरिक्त राजस्व जुटाकर पूरा करना होगा या फिर खर्च में कटौती से पूरा हो सकेगा। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल और इसका वेतन और अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव को रिजर्व बैंक अपने भविष्य के विचार विमर्श में शामिल करेगा।