नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्‍ठ वकील प्रशांत भूषण ने जनलोकपाल बिल के बहाने एक बार फिर से केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ‘दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार का जनलोकपाल बिल धोखा है। इसे उन्‍होंने अपनी सहुलियत के लिए बनाया है, क्‍योंकि इसको लेकर लोगों से सलाह नहीं ली गई।’ उन्‍होंने कहा, ‘यह जनलोकपाल बिल सरकारी लोकपाल से भी बदतर है, क्‍योंकि यह अपने सिद्धांतो से हट गया है।’

उन्‍होंने आरोप लगाया कि ‘अरविंद केजरीवाल सत्‍ता के लिए यह सब कर रहे हैं। अरविंद जवाबदेही नहीं चाहते हैं। उन्‍होंने देश और दिल्‍ली के लोगों के साथ धोखा किया है। लिहाजा, उन्‍हें इस्‍तीफा दे देना चाहिए।’

स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने दावा किया कि दिल्ली सरकार का नया जनलोकपाल विधेयक उससे अलग है, जिसका मसौदा अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के दौरान तैयार किया गया था, क्योंकि स्वतंत्र लोकपाल की नियुक्ति एवं उसे पद से हटाना राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

भूषण ने कहा कि विधेयक एक स्वतंत्र लोकपाल के सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है और यह ‘एक जोकपाल से बदतर’ है.. शब्द जिसका इस्तेमाल आप ने केंद्र की ओर से पारित लोकपाल विधेयक के लिए किया था। उन्होंने कहा कि इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिल्ली लोकपाल विधेयक उन सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है जिसका मसौदा हमने तैयार किया था जैसे नियुक्ति एवं पद से हटाना सरकार के अधीन न हो, लोकपाल के अधीन स्वतंत्र जांच एजेंसी। दिल्ली लोकपाल विधेयक को देखकर हैरानी हुई। नियुक्ति एवं पद से हटाना दिल्ली सरकार द्वारा, उसके अधीन कोई जांच एजेंसी नहीं, भारत सरकार की जांच करने का भी अधिकार, इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है।’