इस्लामी तालीम पर अमल ही आतंकवाद के अंत का एकमात्र उपाय : कल्बे जवाद नकवी
लखनऊ: मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने आज मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष श्री अशरफ अशरफी के बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा है कि हर जुमे के खुत्बे मै इमाम ए जूमा अपने उपदेश में आतंकवाद का कडा विरोध करें और आतंकी चहरों को बेनकाब करने के साथ उनकी सही तस्वीर दुनिया को दिखाएँ । मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इमाम ए जूमा हजरात इससे पहले अपने उपदेश में उपद्रव और आतंकवाद का विरोध नहीं करते थे । हमेशा उलमा ए दीन इस्लामी शिक्षाओं की रोशनी में अत्याचार और आतंक का विरोध करते रहे हैं चाहे किसी भी धर्म के मानने वाले इस अत्याचार के शिकार हुए हों।
मौलाना ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर इस्लाम के नाम पर कुछ तथाकथित मुस्लिम आतंकवादी संगठन आतंकवाद फैला रहे हैं इसलिए उनका विरोध बड़े पैमाने पर होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया आतंकवाद के साए में सांस ले रही है और दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से भयभीत है । जंग न हो इस संबंध में बातें तो बहुत हो रही है लेकिन तरीका तलाश नहीं किया जा रहा है ।अगर इस्लामी शिक्षाओं और इमाम हुसैन के जीवन का अध्ययन किया जाये और उस तरीके को अमल में लाया जाए तो कभी युद्ध नहीं होगी । इस्लाम युद्ध में पहल करने के खिलाफ है ।इसलिए जब युद्ध में पहल ही नहीं होगी तो युद्ध होने के खतरें कहां पैदा हो सकते हैं। इस्लाम और करबला जंग ना होने और अम्न व शान्ति की जमानत का नाम है।