क्षेत्र विशेष की समस्या नहीं रह गई है आतंकवाद: पीएम मोदी
कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आतंकवाद अब एक क्षेत्र विशेष की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि इसकी परछाई पूरी दुनिया पर छा गई है। मोदी ने यह बात यहां अपने मलेशिया दौरे के दूसरे दिन 10वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा, पेरिस, अंकारा, बेरूत, माली में हुए बर्बर आतंकी हमले और रूस के विमान को गिराया जाना (पिछले माह मिस के सिनाई प्रांत में) इस बात का साफ संकेत है कि आतंकवाद की परछाई हमारे समाज और हमारी दुनिया पर फैल गई है, चाहे बात आतंकी संगठनों में भर्ती को लेकर हो या फिर निशानों को लेकर।
मोदी ने कहा, हमें आतंकवाद को राजनीतिक विचार के पलड़े में तौले बिना इससे लडऩे के लिए नए वैश्विक संकल्प और नई रणनीति तैयार करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने 10वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि वह आतंकवाद को धर्म से अलग करने की प्रतिबद्धता और हर आस्था को परिभाषित करने वाले मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस मंच से हम अक्सर आतंकवाद पर किसी एक क्षेत्र की समस्या के रूप में विचार करते हैं।
मोदी ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें नये वैश्विक प्रण और नयी वैश्विक रणनीति निर्मित करनी होगी, जो हमारी राजनीतिक मीमांसा को संतुलित करने से परे हो। किसी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या समर्थन नहीं करना चाहिए। समूहों के बीच कोई अंतर नहीं हो। कोई पनाहगाह न हो। कोई वित्त पोषण न हो। हथियारों तक पहुंच न हो। लेकिन साथ ही हमें हमारे समाजों और हमारे युवाओं के बीच भी काम करना चाहिए। मैं आतंकवाद से धर्म को अलग करने का स्वागत करता हूं और हर आस्था को परिभाषित करने वाले मानवीय मूल्यों को बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना करता हूं।
दक्षिण चीन सागर विवाद की पृष्ठभूमि में मोदी ने कहा,समुद्र हमारी खुशहाली और सुरक्षा का रास्ता बना रहना चाहिए। भारत 1982 की संयुक्त राष्ट्र संधि पर समुद्री कानून समेत सभी स्वीकार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नौवहन, उड़ान भरने, निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता के बारे में आसियान की प्रतिबद्धता को साझा करता है। क्षेत्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुना करेंगे।