लखनऊ: कोरोना के क़हर के बीच उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान, बारिश और आकाशीय बिजली के रूप एक और क़हर बरपा हुआ| क़ुदरत के इस क़हर से प्रदेश में 27 लोगों की मौत हो गई।

उन्नाव में सबसे ज़यादा मौतें
सबसे अधिक सात लोगों की मौत उन्नाव में हुई है। उन्नाव में सात, रायबरेली और कन्नौज में पांच-पांच, आगरा में तीन तथा लखनऊ, कानपुर, बांदा, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर तथा मैनपुरी में एक-एक व्यक्ति की जान ले ली। वहीं राहत आयुक्त कार्यालय ने कुल 20 लोगों के मरने की पुष्टि की है। फिरोजाबाद में 10 घायल हुए हैं। आगरा में तीन घायल हुए और 10 पशुओं की मौत हो गई। तीन कच्चे मकान और एक झोपड़ी ढह गई। मैनपुरी में 20 पशुओं के मरने की भी सूचना है। इसके अलावा पीलीभीत में एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है।

मुख्यमंत्री ने राहत राशि की घोषणा की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की राहत राशि तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को पूरी तत्परता से राहत पहुंचाने के साथ आपदा में घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं।

रिकॉर्ड 57.4 मिलीमीटर बारिश
प्रदेश में 30 मई को 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 57.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 28 मई,1959 को 24 घंटे के दौरान 57 मिलीमीटर बारिश हुई थी।राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक आगरा, मैनपुरी, हाथरस, बरेली, पीलीभीत, कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरैया, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, मुजफ्फरनगर, हरदोई में अधिक बारिश हुई है। कन्नौज में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। राहत आयुक्त ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कहीं से भी किसी प्रकार की घटना की सूचना मिलने पर राहत टीम भेजी जाए, जिससे पीड़ितों की हर संभव मदद हो सके।

फसलों को भारी नुक्सान
मध्य यूपी और बुंदेलखंड आंधी-पानी और ओलावृष्टि से मक्का, उड़द, मूंग जैसी दलहनी फसलों तथा सब्जी की खेती को भारी नुकसान हुआ। कानपुर और आसपास के जिलों में क्रय केंद्रों में बाहर पड़ा सैकड़ों कुंतल गेहूं भीग गया। तूफान में काफी पेड़ और बिजली के पोल गिरने से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बंद हो गई।