राजनाथ चाहते हैं सुनी जाय आडवाणी-जोशी की बात
नई दिल्ली : बिहार चुनाव में करारी हार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधने वाले वरिष्ठ पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भाजपा के शीर्ष हलकों में राय बंटी हुई है जहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह असंतोष प्रकट करने वाले नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के पक्षधर नहीं बताये जाते।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कल मोदी और शाह का मजबूती से बचाव करते हुए गैरजिम्मेदाराना बयान देने वाले और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह की राय है कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के पास अनुभव है और उन्होंने भाजपा के विकास में बहुत योगदान दिया है इसलिए पार्टी को उनकी बात सुननी चाहिए।
बताया जाता है कि गृहमंत्री वरिष्ठ नेताओं की कही बात की पड़ताल और विश्लेषण कराने के पक्ष में हैं। वह चाहते हैं कि जो फैसले लिये जाएं वे कुल मिलाकर भाजपा के हित में हों। सूत्रों के मुताबिक सिंह का मानना है कि फैसले सभी को स्वीकार्य होने चाहिए। पूर्व पार्टी अध्यक्ष सिंह पार्टी के अंदर अंसतोष के स्वर उठाये जाने के विरोध में नहीं लगते और उनका मानना है कि इन आवाजों को दबाने के बजाय सुधारात्मक कदम उठाये जाने चाहिए।
बहरहाल, उनका मानना है कि पार्टी में वरिष्ठों समेत सभी नेताओं को अपनी बात सार्वजनिक रूप से नहीं रखनी चाहिए बल्कि पार्टी मंच पर रखनी चाहिए क्योंकि कुछ चीजें सार्वजनिक करना सही बात नहीं है। आडवाणी, जोशी के साथ शांता कुमार और यशवंत सिन्हा ने बिहार में पार्टी की हार के मद्देनजर बयान जारी कर मोदी और शाह पर निशाना साधा था और कहा था कि पार्टी पिछले एक साल में कमजोर हुई है और कुछ लोग उसे अपने हिसाब से चलाने पर मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने हार की संपूर्ण समीक्षा की मांग भी की थी।