दीवाली पर 23 गुना हुई दिल्ली
नई दिल्ली : दीवाली के मौके पर इस बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गई। एक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में दीवाली की रात प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा। एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सुझाई गई सीमा से 40 गुणा अधिक प्रदूषण का स्तर पहुंच गया। इस त्योहार के मौके पर की गई आतिशबाजी के चलते बड़े पैमाने पर धुआं निकला, जिससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा। वहीं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक दिवाली की रात दिल्ली में प्रदूषण सामान्य की अपेक्षा 23 गुना बढ़ गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की रात पीएम 10 का स्तर क्रिटिकल लेवल को पार कर गया (जोकि स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है) और 2,000 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर तक जा पहुंचा। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन अधिकतम 50 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर तक के स्तर को ही उचित मानते हुए सुझाव देता है। गौर हो कि दीवाली से पहले, सरकार ने दिल्लीवासियों से अपील की थी कि वे पटाखे, आतिशबाजी से दूर रहें।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की रात राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘काफी खराब’ स्तर तक जा पहुंची। जोकि कई बार से सुझाए जा रहे सभी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि शहर के कई जगहों पर पीएम10 का स्तर 1,000 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर को पार कर गया। बुधवार रात आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 200 माइक्रो ग्राम पर क्यूबिक मीटर (एमपीसीएम) था जो सामान्य स्तर 100 एमजीसीएम से 23 गुने से भी ज्यादा था।
वहीं पूर्वी दिल्ली में पीएम 10 का स्तर क्रिटिकल लेवल पार कर गया और 619 एमपीसीएम पर पहुंच गया। आरके पुरम में दिवाली के रात 1 बजे के करीब पीए10 का स्तर 1333 एमपीसीएम तक पहुंच गया जबकि, रात 9.30 के करीब पीएम2.5 का स्तर 985 एमपीसीएम को पार कर गया। सल्फर डाय-ऑक्साइड जोकि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस के लिए काफी घातक है, इसकी मात्रा कई जगहों पर काफी ज्यादा पाया गया। हालांकि, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले तीन दिनों में मानक से दो गुना से ज्यादा चला गया था। केंद्रीय भूविज्ञान मंत्रालय का भी मानना है कि दिवाली पर प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो अगर मंत्रालय की आशंका सही हुई तो पीएम 2.5 पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा होगा। दूसरी तरफ पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 एमजीसीएम होता है।
बता दें कि हाल ही में नवंबर महीने में 1, 7 और 8 तारीख को प्रदूषण का स्तर दो गुना ज्यादा था। इसकी वजह से पंजाब में पुआल जलाने व दिल्ली के गिरते तापमान को बताया गया। साल 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे में पाया गया कि विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में हैं। इस सर्वे में यह भी कहा गया था कि दिल्ली दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित शहर है।