औषधीय पौधें पर्यावरण के अंग हैं: राम नाईक
राज्यपाल ने ‘शतायु की ओर’ पत्रक के 15वें अंक का लोकार्पण किया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज धन्वन्तरि जयन्ती के अवसर पर राजभवन में ‘शतायु की ओर’ पत्रक के 15वें अंक का लोकार्पण किया तथा राजभवन स्थित धन्वन्तरि वाटिका में ‘मेदासक’ का पौधा रोपित किया तथा लेडी गवर्नर कुंदा नाईक ने ‘रक्तचंदन‘ का पौधा रोपित किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आयुर्वेद एवं औषधीय पौधें पर्यावरण के अंग हैं। पर्यावरण को शुद्ध रखने की दृष्टि से घर में तुलसी रोपने, पूजा करने व उसकी परिक्रमा की परम्परा है। उसी तरह नीम, गिलोय, हल्दी आदि आयुर्वेदिक औषधियाँ हमारी अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी परम्परा के पीछे शास्त्र और विज्ञान है, जो पर्यावरण के प्रति जागृति का संदेश देते हैं। शतायु की ओर का यह 15वाँ अंक औषधि पौधों के बारे में हैं जिसमें स्वास्थ्य के लिए तुलसी, नीम, हरसिंगार और गिलोय के गुण एवं उपयोग की जानकारी दी गयी है जो जनोपयोगी है।
श्री नाईक ने इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल स्व0 विष्णुकान्त शास्त्री जो राजभवन में 2001 में स्थापित धन्वन्तरि वाटिका के जनक थे, को याद करते हुए कहा कि वे विद्वान थे जो हर धर्म, आध्यात्म, साहित्य और अनेक गूढ़ विषयों की जानकारी रखते थे। स्व0 विष्णुकान्त शास्त्री से उनके पुराने सम्बन्ध के साथ कुछ समानतायें भी रही हैं। धन्वन्तरि वाटिका राजभवन की शान है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का ज्ञान असीम और निरापद है जिसके विकास से सम्पूर्ण स्वास्थ की कल्पना की जा सकती है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रकाश पर्व दीपावली की बधाई देते हुए कहा कि प्रकाश पर्व को ध्वनि पर्व न बनाये। तेज आवाज वाले पटाखों से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आज कल विद्युत बल्ब से दीपावली पर सजावट होती है। राजभवन आगे से दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाने की परम्परा को प्रोत्साहित करेगा।
चिकित्साधिकारी (आयुर्वेद) एवं प्रभारी अधिकारी धन्वन्तरि वाटिका, आयुर्वेदाचार्य डा0 शिव शंकर त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि आज पूरे विश्व का जड़ी बूटी एवं आयुर्वेदिक औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ा है और उनकी गुणवत्ता पर लोगों का ध्यान पुनः आकृष्ट हुआ है। जड़ी बूटी की यह प्राकृतिक सम्पदा अपने देश में असीमित है जरूरत है इनकी पहचान, संकलन, संरक्षण एवं प्रवर्धन की। इसको ध्यान में रखते हुए ‘शतायु की ओर‘ पत्रक के इस 15वंे अंक में कुछ सर्वसुलभ महत्वपूर्ण औषधीय पौधों यथा तुलसी, नीम, गिलोय एवं हरसिंगार के गुण एवं उपयोगों के बारे में सारगर्भित जानकारी का उल्लेख किया गया है।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त उ0प्र0 प्रवीर कुमार ने ‘मेदासक‘, प्रमुख सचिव स्वास्थ अरविन्द्र कुमार ने वन्य बदाम तथा प्रमुख सचिव राज्यपाल जूथिका पाटणकर द्वारा ‘सिन्दूर‘ का पौधा रोपित किया गया। इसके पूर्व राज्यपाल ने आयुर्वेद के प्रवर्तक श्री धन्वन्तरि जी का पूजन एवं माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर सचिव उद्यान निवेदिता शुक्ला वर्मा, सचिव वन सुनील पाण्डे, प्रमुख वन संरक्षक उमेन्द्र शर्मा, सचिव राज्यपाल चन्द्र प्रकाश, विधि परामर्शी राज्यपाल एस0एस0 उपाध्याय, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा जे0पी0 त्रिवेदी, निदेशक आयुर्वेद प्रो0 सुरेश चन्द्र, चिकित्साधिकारी आयुर्वेद एवं प्रभारी अधिकारी धन्वन्तरि वाटिका डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी, एन0बी0आर0आई के वैज्ञानिक डाॅ0 एस0के0 तिवारी, सीमैप के वैज्ञानिक डाॅ0 ए0के0 सिंह सहित राजभवन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।