लखनऊ: इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य इनोवेशन फण्ड की स्थापना का निर्णय लिया गया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस  प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।  वर्ष 2015-16 में प्रारम्भिक रूप से इस फण्ड के लिए 50 करोड़ रुपए की वित्तीय व्यवस्था की जाएगी। आने वाले वर्षों में आवश्यकतानुसार इसका आकार तय किया जाएगा।

शासन के विकास एजेंडा वर्ष 2015-16 के सूत्र-150 के तहत शामिल इनोवेशन को प्रशासनिक क्षेत्र तक सीमित न रखते हुए उसकी व्यापकता के रूप में असंगठित क्षेत्र को भी शामिल करने का फैसला लिया गया है। इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए तथा इन्क्लूसिव विकास प्रक्रिया को गति प्रदान करने के उद्देश्य से एक उच्चाधिकार प्राप्त, राज्य इनोवेशन परिषद का पुनर्गठन भी किया जाएगा। 

राज्य इनोवेशन परिषद एवं राज्य इनोवेशन कोष के संचालन में सहायता प्रदान करने हेतु इनोवेशन सेल की स्थापना नियोजन विभाग के तहत दीर्घकालीन योजना प्रभाग में की जाएगी। यह सेल राज्य इनोवेशन परिषद सचिवालय के रूप में काम करेगा। असंगठित क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 तथा डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उ0प्र0 को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं की स्वीकृति का अधिकार होगा। इससे अधिक के प्रस्ताव की परियोजनाओं को राज्य इनोवेशन सेल के माध्यम से राज्य इनोवेशन कौंसिल को प्रस्तुत करते हुए अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि गवर्नेन्स में सुधार, सेवा क्षेत्रों के उच्चीकरण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, पर्यटन सामाजिक सेक्टर यथा- शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बेहतर संचालन में इनोवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनोवेशन, टेक्नोलाॅजी से ही नहीं बल्कि एक साधारण नागरिक के स्तर से भी हो सकता है। उत्पादकता बढ़ाने के क्षेत्र में किए गए नवीन प्रयोग, कार्यप्रणाली के सरलीकरण एवं जनोपयोगी बनाने, लघु, मध्यम व वृहद उद्योगों के विकास हेतु तकनीकी उन्नयन, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व निर्धारण, आपदा प्रबंधन में किए गए नवीन प्रयोग, सेवा प्रणाली को उपभोक्ताप्रद बनाने तथा विभिन्न सेक्टरों की गुणवत्ता बढ़ाने तथा अन्य सुसंगत पहलुओं को भी इससे आच्छादित किया जा सकता है।