RSS ने की देश में नई जनसंख्या नीति बनाने की मांग
रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जनसंख्या वृद्धि में असंतुलन के चलते देश में आजादी के बाद कुल जनसंख्या में मुस्लिमों के अनुपात में साढ़े चार फीसदी की वृद्धि और उत्तरपूर्वी राज्यों में घुसपैठ करने वालों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि पर गहरी चिंता जतायी है। इसके साथ ही उसने केंद्र सरकार से विदेशी घुसपैठ पूरी तरह बंद करने एवं नई जनसंख्या नीति बनाने का अनुरोध किया है।
आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की शुक्रवार से रांची में शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन पत्रकारों से बातचीत करते हुए संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना की धर्म आधारित जनसंख्या के आंकड़े चौंकाने वाले हैं और यह खुद बताते हैं कि देश में नई जनसंख्या नीति बनाए जाने की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि संघ ने जनगणना के इन आंकड़ों और उत्तर पूर्व और देश के अन्य भागों में हो रही घुसपैठ के चलते जनसंख्या वृद्धि में व्यापक असंतुलन पर विस्तृत विचार विमर्श किया है। संघ ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया, ‘संघ केंद्र सरकार से अनुरोध करता है कि वह देश में उपलब्ध संसाधनों और भविष्य की जरूरतों तथा जनसंख्या असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए सभी के प्रति समान भाव के साथ जल्द नई जनसंख्या नीति बनाए।’
इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से सीमा पार से होने वाली घुसपैठ पर पूरी तरह रोक लगाए जाने, देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पंजिका बनाने और देश के बाहर से घुसपैठ करने वालों को भारत की नागरिकता लेने से रोकने के पुख्ता इंतजाम करने और उनके यहां जमीन जायदाद खरीदने पर पूरी तरह रोक लगाने की पुख्ता व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया।
संघ ने गुरुवार को इस तरह का प्रस्ताव अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में पारित किए जाने की संभावना जतायी थी। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश में जनसंख्या वृद्धि में असंतुलन और खासकर असम और पश्चिम बंगाल में तेजी से बढ़ रही विदेशी जनसंख्या पर गहरी चिंता जताई है और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस कर इसका समाधान करने का आह्वान किया।
कृष्ण गोपाल ने कहा, ‘असम और पश्चिम बंगाल में बड़ी तेजी से जनसंख्या का स्वरूप बदल रहा है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उपमन्यू हजारिका आयोग की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार की जरूरत है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में बदलाव न होने पर 2047 तक असम में भारतीय जनसंख्या से अधिक विदेशी जनसंख्या होगी।’ उन्होंने कहा कि कमोबेश पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति है।
गोपाल ने कहा कि संघ ने अपनी बैठक में पाया कि 2011 की जनगणना की जो अंतिम रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार देश भर में जनसंख्या वृद्धि में असंतुलन आया है और स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि संघ की इस अर्धवार्षिक राष्ट्रीय बैठक में आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत के अलावा तमाम वरिष्ठ राष्ट्रीय पदाधिकारी और समस्त देश के संघ के 42 प्रांतों के प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक एवं अन्य पदाधिकारियों समेत लगभग साढ़े चार सौ से ज्यादा स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।