मैंने सरेंडर नहीं किया: छोटा राजन
बाली (इंडोनेशिया) : बीते करीब दो दशक से ज्यादा वक्त तक फरार रहने के बाद गिरफ्तार किए गए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने गुरुवार को दावा किया है कि उसने समर्पण नहीं किया और वह भारत वापस लौटना चाहता है। बाली में आज जब कुछ मीडियाकर्मियों ने छोटा राजन से दाऊद इब्राहिम से डर जाने को लेकर सवाल पूछा तो उसने चुप्पी साध ली।
गैंगस्टर की गिरफ्तारी को लेकर इस बात की अटकलें तेज हैं कि उसकी गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ ‘समझौते’ का हिस्सा है। वह 75 से ज्यादा संगीन मामलों में वांछित है जिसमें हत्या से लेकर उगाही, तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल है। कभी आतंकवादी और अपराध जगत के सरगना दाउद इब्राहिम के विश्वस्त रहे डॉन ने संवाददाताओं को बताया कि मैंने कभी भी समर्पण नहीं किया। मैं भारत वापस जाना चाहता हूं। जिम्बॉब्वे वापस नहीं जाना चाहता हूं।
राजन भारत के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से एक है। उसे इंटरपोल द्वारा उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर इंडोनेशिया के इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल से गिरफ्तार किया गया है। उसने दो दशक से भी ज्यादा वक्त तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चकमा दिया है। उसके खिलाफ 75 मामलों में से चार मामले टाडा के, एक मामला पोटा और 20 से ज्यादा मामले मकोका के तहत दर्ज हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां गैंगस्टर को वापस लाने के लिए यहां संभवत: एक दल भेज सकती हैं। वह रविवार से हिरासत में है। छोटा राजन को भारत वापस लाने की तैयारियों के बारे में सूत्र मौन हैं क्योंकि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसके गिरोह के साथ धुर प्रतिद्वन्द्विता के चलते उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि एजेंसियां 55 वर्षीय राजन को वापस लाने के लिए एक से ज्यादा योजना पर काम कर रही है। छोटा राजन कभी दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता था। सूत्रों ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से मिली गुप्त सूचना के आधार पर इंडोनेशिया की पुलिस ने जब राजन को यहां हवाई अड्डे पर पकड़ा तो वह मोहन कुमार की पहचान पर यात्रा कर रहा था और उसके पास जी9273860 नबंर का पासपोर्ट था। वह गरूड़ इंडोनेशिया की उड़ान जीए715 से वहां पहुंचा था। उन्होंने बताया कि राजन पिछले छह महीने से भारत वापस आने के लिए रास्ता तलाशने की खातिर विभिन्न पुलिस अधिकारियों के संपर्क में था क्योंकि उसे ऑस्ट्रेलिया में छोटा शकील से अपनी जान को खतरा था। शकील दाउद का गुर्गा है।
साल 2000 में, बैंकाक के एक होटल में दाउद के गुर्गों ने उसे ढूंढ लिया था और उसपर जानलेवा हमला किया था, लेकिन वह होटल की छत से किसी तरह से बच निकला था। मुंबई अंडरवर्ल्ड से निपटने वाले मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के मुताबिक, राजन की गिरफ्तारी बड़ी सफलता है और उससे पूछताछ से उसके सिंडिकेट से संबंधित मामलों में अबतक जो तथ्य सामने नहीं आए हैं उनके भी प्रकाश में आने की उम्मीद है।