विद्या भंडारी बनीं नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति
काठमांडू: नेपाल में राष्ट्रपति पद के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों में आम-सहमति नहीं बनने के बाद हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुल बहादुर गुरुंग का मुकाबला सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल की विद्यादेवी भंडारी से हुआ। इस चुनाव में विद्यादेवी भंडारी ने गुरुंग को हराया और इस पहाड़ी देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
इससे पहले, नेपाल वर्कर्स पीजेंट्स पार्टी के केंद्रीय सदस्य नारायण महाराजन ने चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी, जिसके बाद राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के नेता गुरुंग और सीपीएन-यूएमएल की भंडारी में सीधी टक्कर हुई।
गुरुंग देश के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेसी के पूर्व महासचिव हैं और उन्होंने पहली संविधान सभा की पहली बैठक की अध्यक्षता इसका वरिष्ठतम सदस्य होने के नाते की थी। गुरुंग की अध्यक्षता वाली संविधान सभा ने ही 28 मई 2008 को बहुमत के साथ 240 साल पुरानी राजतंत्र व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। वहीं विद्यादेवी भंडारी सीपीएन-यूएमएल की उपाध्यक्ष हैं और पार्टी के दिवंगत महासचिव मदन भंडारी की पत्नी हैं।
उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ गठबंधन यूसीपीएन-माओवादी और कुछ अन्य आंचलिक दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए भंडारी का समर्थन करने का आश्वासन दिया था।
नई राष्ट्रपति वर्तमान राष्ट्रपति राम बरन यादव की जगह लेंगी। नेपाल में गणतंत्र घोषित होने के बाद यादव 2008 में पहले राष्ट्रपति चुने गए थे। बीते 20 सितंबर को देश का नया संविधान लागू होने के साथ संसद सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर नेपाल में नया राष्ट्रपति चुना जाना था।
संसद द्वारा तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पदों के लिए आम-सहमति से उम्मीदवार तय करने के वास्ते 25 अक्टूबर तक का समय दिया गया था, जिसमें वे विफल रहे। यह चुनाव ऐसे समय हुआ, जब मधेसी समूह नए संविधान का विरोध कर रहे हैं।