ह्रितिक के साथ डिस्कवरी पेश करेगा रियल हीरोज़ की कहानियां
लखनऊ: फिक्शन एंटरटेनमेंट की दुनिया का सबसे बड़ा नाम डिस्कवरी चैनल अपनी आगामी सीरीज़ एचआरएक्स हीरोज विद ह्रितिक रोशन में वास्तविक जि़न्दगी के हीरोज़ को पेश करने जा रहा है जिन्होंने अपनी सीमाओं और चुनौतियों पर जीत पाई और आज समूची दुनिया के लिए जीती जागती प्रेरणा हैं। 2 नवम्बर से रात 9 बजे से शनिवार और रविवार को प्रसारित होने वाले नौ एपिसोड की इस सीरीज़ को एंकर हैं सुपरस्टार ह्रितिक रोशन।
इसमें समूचे भारत में से कुछ ऐसे पुरुष और महिलाओं की जि़न्दगी की वास्तविक कहानियां दिखलायी जाएँगी जिनके पास कुछ भी नहीं था मगर उन्होंने अपने सपनों से मुंह नहीं मोड़ा और आखिरकार हीरो बनकर निकले। इन कहानियों में आप देखेंगे: विमान का निर्माण, राष्ट्रमंडल हैवीवेट प्रतियोगिता को जीतने वाले , विख्यात उद्यमी , प्रेरक वक्ता , भारत की दृष्टिहीन क्रिकेट टीम के कप्तान , नामचीन अभिनेता और नर्तक तथा भारत की पहली महिला फायर इंजीनियर की कहानियां।
राजीव बख्शी, उपाध्यक्ष-विपणन, दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नेटवक़र्स एशिया-पैसेफिक ने आज लखनऊ में इस नयी श्रंखला के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि एचआरएक्स हीरोज़ विद ऋतिक रौशन असल जिंदगी के नायकों की एक प्रेरणादायक श्रृंखला है। डिस्कवरी चैनल मानवीय जीत की अविश्वसनीय कहानियों को प्रस्तुत करेगा और लाखों दर्शकों को उनके अपने अंदर छुपे नायक को खोजने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ह्रितिक रोशन इन नौ हीरोज़ की जि़न्दगियों, उनकी खुशियों और कष्टों का वर्णन करेंगे।
इन नौ हीरोज़ में भारत की पहली महिला फायर इंजीनियर हर्षिणी कान्हेकर हर्षिणी, गरीब घर में जन्म लेने वाली, छोटी ही उम्र में विवाह कर दिए जाने वाली और अन्याय और अत्याचार धाए जाने वाली कल्पना सरोज, दुर्घटना में वे लकवाग्रस्त होने के बाद भी सेना में कैडेट बने नवीन गुलिया, जन्म से मूक और बधिर होने के बजूद अपना खुद का हवाई जहाज़ बनाने वाले साजी थॉमस, बचपन से रयूमैटॉइड आर्थराइटिस बीमारी के शिकार 2015 में राष्ट्रमंडल हैवीवेट प्रतियोगिता जीतने वाले पहलवान संग्राम सिंह, पैर काटने के बावजूद भरतनाट्यम नृत्य में अपना लोहा मनवाने वाली सुधा चंद्रन, एक निर्धन परिवार के दृष्टिहीन शेखर नायक की कप्तानी में भारत की दृष्टिहीन क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीता , दुर्घटना में अपनी एक टांग गंवानी वाली डांसर शुभरीत कौर , मूक बधिर होने के बावजूद भी बलिष्ठ पहलवानों को धुल चटाने वाले विरेंदर सिंह शामिल हैं ।