मुख्यमंत्री ने की ‘उत्तर प्रदेश पुलिस-100’ परियोजना की समीक्षा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य व्यापी डायल ‘100’, जिसे अब ‘उत्तर प्रदेश पुलिस-100’ परियोजना के नाम से जाना जाता है, के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश पुलिस परियोजना-100’ के संचालन, प्रक्रिया, प्रशिक्षण तथा तकनीकी से जुड़ी कार्य प्रणाली को सीखने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को अमेरिका के ब्रुकलिन तथा आस्टिन 911 सेन्टर्स के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर करने के भी निर्देश दिए हैं।
श्री यादव आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश पुलिस-100’ परियोजना की प्रगति की एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने परियोजना की प्रगति पर सन्तोष जताते हुए इसे अप्रैल, 2016 तक अस्तित्व में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुउद्देशीय कार्य प्रणाली, आकार, गति, गुणवत्ता तथा कार्य क्षमता के आधार पर परियोजना का संचालन इस प्रकार किया जाए जिससे पुलिस इर्मेजेंसी रिस्पाॅन्स के मामले में यह पूरे देश के लिए एक रोल माॅडल बन सके।
मुख्यमंत्री ने जनता को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के लिए पुलिस स्टाफ तथा अन्य आउटसोर्सिंग कर्मियों को परियोजना के क्रियान्वयन के लिए, पहले से ही तकनीकी प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए है, ताकि ये कर्मी अपने दायित्वों का प्रभावी ढंग से निर्वाह कर सकें।
श्री यादव ने परियोजना को महत्वाकांक्षी एवं बहुउद्देशीय बताते हुए कहा कि जिस प्रकार ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा और ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस की एम्बुलंेस 15-20 मिनट के अन्दर रोगी तक पहुंच जाती है, उसी प्रकार परियोजना के क्रियाशील होने पर पुलिस भी घटना स्थल पर न्यूनतम समय में पहुच सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस व्यवस्था को लागू करने के लिए आवश्यकतानुसार सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं।
गृह तथा स्वास्थ्य विभाग के सलाहकार श्री वेंकट चंगावल्ली ने बैठक में बताया कि ‘उत्तर प्रदेश पुलिस-100’ परियोजना 400 सीटो की क्षमता वाली सबसे बड़ी आपातकालीन व्यवस्था होगी। इसके अन्तर्गत 4,800 रिस्पाॅन्स वाहन विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध होंगे, जो प्रदेश की पूरी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुस्तैद रहेंगे। इसके साथ फायर सर्विसेज, ‘1090’ विमेन पावर लाइन तथा इर्मेजेंसी आपरेशन सेंटर (ई0ओ0सी0) भी जुड़े होंगे, जो बड़ी घटनाओं, दैवीय आपदाओं आदि के समय बहुउद्देशीय संस्थाओं के रूप में कार्य करेंगे।