देश में एक और जे.पी. क्रान्ति की जरूरत है: राम गोविन्द चौधरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने कहा कि सम्पूर्ण क्रांति के प्रेणता लोकनायक जय प्रकाश नारायण की विचारों से ऊर्जा प्राप्त होती है। उनमें अदभुत संगठनात्मक शक्ति थी तथा उनके विचारों में बहुत ताकत थी। उन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन तथा आपातकाल में अहम भूमिका निभायी। वे युवाओं के नेताओं के रूप में जाने जाते थे। जातीयता, भ्रष्टाचार तथा असमानता को दूर करने में जय प्रकाश नारायण के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
राज्यपाल आज विश्वैश्वरैया प्रेक्षागृह में लोकनायक जय प्रकाश नारायण सेवा समिति द्वारा आयोजित जयंती समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चैधरी ने भ्रष्टाचार एवं सामाजिक तथा राजनीतिक विषमता पर करारा प्रहार करते हुए छात्रों, नौजवानों और प्रबुद्ध वर्ग का आवाह्न किया है कि वे जे.पी. क्रान्ति के रूप में एक और परिवर्तन के लिए सारी परिस्थितियों से लड़कर जे.पी., लोहिया, गांधी और आचार्य नरेन्द्र देव के सपनांे को साकार करें। राम गोविन्द चैधरी आज विश्वेश्वरैया सभागार में सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रणेता लोक नायक जय प्रकाश नारायण की 113वीं जयन्ती पर लोक नायक जयप्रकाश नारायण सेवा समिति, लखनऊ की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी में राज्यपाल श्री राम नाईक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुये। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि श्री राम गोविन्द चैधरी को सुनने के लिये विश्वेश्वरैया सभागार नौजवानों और छात्रों से खचाखच भरा था। साथ ही बड़ी संख्या में सभागार के बाहर भी लोग जमा थे।
श्री चौधरी ने आपातकाल में सत्ता परिवर्तन से जुड़े उन तमाम सामाजिक, राजनीतिक और छात्र नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन्दिरा गांधी ने पराजित होने के बाद इमरजेन्सी के रूप में देश में काला कानून लागू किया था, इसके खिलाफ आंदोलन में छात्रों और छात्र संघों की भागीदारी प्रमुखता से रही है। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि उस आंदोलन में भारतीय जनता पार्टी जो उस समय जनसंघ के रूप में जानी जाती थी, उसके नेताआंे और विद्यार्थी परिषद जैसे अनुशांसगिक संगठनों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि छात्रों से जे.पी.की सम्पूर्ण क्रान्ति को एक ताकत मिली। आज फिर इस ताकत के उठ खड़े होने का समय है।
राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि देश और समाज में जो भी आंदोलन चले हैं उनके पीछे छात्रों का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों ने भ्रष्टाचार को पंचायतों तक पहुॅंचा दिया है, आज ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत के चुनाव में सीधे पैसे की बात हो हरी है। पंचायत चुनाव में दारू, मीट, मछली, साड़ी, रूपया देकर वोट मांगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हर तरफ भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त हो गया है कि ‘साड़ी बिच नारी है कि नारी बिच साड़ी है’ जैसी कहावत चरितार्थ हो रही है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ निजी तौर पर दृढ़ता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हांेने अपने जीवन मंे कभी भ्रष्टाचार नहीं किया है और जब तक जीवित रहेंगे न कभी भ्रष्टचार करेंगे और न भ्रष्टाचार सहेंगे।
उन्होंने जय प्रकाश नारायण के ईमानदार जीवन की बार-बार चर्चा करते हुए कहा कि वे सेवाभाव से समाज में परिवर्तन करना चाहते थे। जय प्रकाश नाराण जी ऐसे व्यक्तित्व थे कि उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती प्रभावती जी के साथ मिलकर बिहार में भीषण सूखे के दिनों में लोगों को प्रेरणा देने के लिए गांव मंे कुंआ खोदा और पानी निकाला, तब लोगों ने कहा कि जब जय प्रकाश नारायण ऐसा कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते हैं और उससे लोगों में प्रेरणा का संचार हुआ। उन्होंने कहा कि गांधी और लोहिया विदेश में पढ़े, लेकिन इन लोगो ने अपने देश के लोगों को अपना परिवार माना और उनके लिए जीवन भर काम किया।
राम गोविन्द चैधरी का भाषण मुख्यतः छात्रों को लक्षित था और उन्होंने छात्रों को परिवर्तन का कारक बताया। श्री चैधरी ने दोहराया कि देश में एक और जे.पी. क्रान्ति की जरूरत है, जिसमें फिर से छात्रों की भूमिका मुख्य होगी। उन्होंने छात्रों, नौजवानों और प्रबुद्ध वर्ग को सलाह दी कि इसमें जय प्रकाश के विचारों से सम्बद्ध होना और उनको जानना आज बहुत आवश्यक है। उन्हांेने विधायक निधि से पूरी तरह असहमति जताते हुए कहा कि मैंने 14वीं विधान सभा में भी कहा था और वर्तमान विधान सभा में भी कहा है कि इस विधायक निधि को खत्म कर देना चाहिये क्योंकि इससे भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। उन्हांेने कहा कि इसके बदले विकास के और रास्ते अख्तियार किये जा सकते हैं। श्री राम गोविन्द चैधरी का भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश और देश में जन सामान्य के लिए दुख-दर्द झलका। वह जय प्रकाश नारायण के सिद्धांतों और उनकी जीवन शैली से प्रेरणा लेने की जरूरत समझते हैं और कहते हैं कि देश की सामाजिक और आर्थिक बुराईयों का समाधान जे.पी. के सिद्धांतों में निहित है। उन्होंने फिर कहा कि नौजवान इस देश की सामाजिक और राजनैतिक परिस्थितियों को बदलने के लिए आगे आये। उन्हांेने कहा कि आज हर आदमी एक दूसरे को उलाहना दे रहा है और एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहा है, जबकि जे.पी. कहते थे कि पहले भ्रष्टाचार अपने अंदर से दूर करो।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री राम नाईक ने सुझाव दिया कि लखनऊ में अनेक महापुरूषों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। यह प्रासंगिक होगा कि सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण की मूर्ति की भी स्थापना की जाय। सांसद निधि एवं विधायक निधि को लेकर अक्सर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाने पर उन्होंने कहा कि जनता को जनप्रतिनिधियों से पाई-पाई की जानकारी लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जागृत जनमत के दबाव एवं पारदर्शिता से भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है।