मुलायम की सामाजिक सद्भाव में आस्था खुली किताब की तरह: शिवपाल
लखनऊ: शिवसेना के मुलायम पर दिये गए बयान की तीखी आलोचना करते हुए वरिष्ठ सपा नेता एवं सपा के प्रमुख प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव ने कहा सन् बयालिस की क्रांति के नायक राममनोहर लोहिया के शिष्य मुलायम सिंह की देशभक्ति और सामाजिक सद्भाव में गहरी आस्था खुली किताब की तरह है। जब-जब भी देश में लोकतंत्र और एकता पर हमला हुआ है, मुलायम सिंह ने अगली कतार में आकर अपने जीवन और राजनैतिक भविष्य का संकट मोल लेकर भी देश द्रोही और साम्प्रदायिक ताकतों से आर-पार की लड़ाई लड़ी हैं। मुलायम की देश भक्ति पर सवाल उठाने वाले लोग जानबूझ कर देश के वर्तमान और इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आपात काल के दौरान उन्होंने युवा अवस्था के सुनहरे दिन जेल में बिताया। उस समय ये ठाकरे परिवार कहां था। बतौर रक्षा मंत्री नेता जी ने देश की सीमाओं पर जाकर चीन और पाकिस्तान को सीधी चुनौती दी थी। संसद की प्राचीरें गवाह है कि चीन की उपनिवेशवादी नीति के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई समाजवादियों ने लड़ी है। सेना के सिपाही से लेकर गांव के किसान तक मुलायम सिंह के देशभक्ति के कायल है। उनकी देशभक्ति और समाजिक न्याय की लड़ाई को देखकर ही अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन के सत्याग्रही बाबू कपिल देव सिंह जैसे बड़े नेता ने उनके नेतृत्व को स्वीकारा था, या तो शिवसेना देशभक्ति का मतलब नही जानती या उसे मुलायम सिंह का इतिहास नहीं पता हैं। दोष शिवसेना का नहीं अपितु आरएसएस, भाजपा, बजरंगदल की उस विचारधारा का है, जिसका पूरा आधार ही अंग्रेजों की तरह “फूट ड़ालो-राज करो” की सोच पर आधारित है। उनका बस चले तो गैर हिन्दू होने के कारण अशफाक उल्ला खां और भगत सिंह तक को देशद्रोही बता दें। श्री यादव ने साधु-संतो के साथ की गयी बात-चीत का हवाला देते हुए कहा कि हिन्दू धर्म जीओ और जीने दो की बात करता है। “वसुधैव कुटुम्बकम” का नारा भारत और वास्तविक हिन्दुत्व का मूल मंत्र है। उदारता और सहअस्तित्व भारतीयता और हिन्दु धर्म का आभूषण है, शिवसेना, आरएसएस और उसके सहयोगी इसे तार-तार करने में लगे हुए हैं। उनकी हरकतों से देश का सर शर्म से झुक गया है।
शिवपाल ने कहा कि चुनाव के समय सम्प्रदायिक ताकते “कम्यूनल काडऱ्” खेलती है। हम समाजवादी लोग देश की एकता और अखण्ड़ता पर आंच आने नहीं देंगे। देश, विशेष कर उत्तर प्रदेश की जनता जानती है कि जब नेताजी मुलायम सिंह यादव के सामने मुख्यमंत्री जैसी बड़ी कुर्सी और सामाजिक सद्भाव में से एक को चुनने का समय आया था तो उन्होंने सामाजिक सद्भाव व हिन्दू-मुस्लिम एकता को चुना था। स्वयं केन्द्र सरकार की रिर्पोट से खुलासा हुआ है कि जब से देश में यह सरकार आयी है तब से साम्प्रदायिक दंगे बढ़े हैं। उन्होंने दादरी मुद्दे पर कुछ भाजपा नेताओं द्वारा दिये गए बयानों को भड़काऊ बताते हुए कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा इन्हें रोकने के लिए कोई कदम न उठाना, इस बात का प्रमाण है कि कहीं न कहीं बड़ षडयंत्र है। यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनकी मांग के बाद केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा बर्खास्त कर देते तो हालात इतने न बिगड़ते। सपा सरकार मुजफ्फर नगर-2 नहीं होने देंगी और जो भी दोषी होंगे उनके असमाजिक खिलाफ पूरी जांच कर कठोर कार्यवाही करेंगी। हम अपराधियों और गुंड़ा-तत्वों से प्रदेश की जनता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।