केजरीवाल ने मोदी सरकार पर लगाया राष्ट्रद्रोह का आरोप
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के आयोजित केंद्र-राज्य रिलेशनशिप कॉन्क्लेव में केंद्र पर जमकर बरसे। इस कार्यक्रम में देश के गैर बीजेपी शासित राज्यों के 6 मुख्यमंत्रियों ने इस हिस्सा लिया। कॉन्क्लेव में केजरीवाल के अलावा पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, बिहार, मिजोरम, पुडुचेरी, के सीएम परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हुए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी व्यस्तता के चलते शामिल नहीं हो सके। कार्यक्रम में नीतीश, मिजोरम, पुडुचेरी के सीएम की चिट्ठी पढ़ी गई।
केजरीवाल ने अपने भाषण में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। केजरीवाल ने कहा कि 23 साल में किसी भी गवर्नर ने विधानसभा के ऑर्डर को नल एंड वायड नहीं किया है, लेकिन जब से हमारी सरकार आई है, गवर्नर ने मेरे कई आदेशों को नल एंड वायड किया है। मैं कहता हूं अगर हम कुछ गलत कर रहे हैं तो अदालत है।
केंद्र सरकार राष्ट्रद्रोह कर रही है, सरकारी अफसरों को राज्य सरकार के खिलाफ करके उन्हें रिबेल बना रही है। पुलिस को आप के ही MLA को गिरफ्तार करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। ज़मीन हमारे पास नहीं है। अपने राज्य में अपनी ज़मीन पर स्कूल अस्पताल बनाने के लिए हमसे करोड़ों रूपये मांगे जाते हैं। हमसे इस बार ये गलती हो गई कि डेट फिक्स कर दी है, लेकिन अगली बार हम डेट फिक्स नहीं करेंगे, सबकी सुविधा देख कर करेंगे।
हम केंद्र के खिलाफ नहीं हैं। देश आगे नहीं बढ़ सकता अगर केंद्र मजबूत नहीं होगा। राज्यों को कमज़ोर करके केंद्र मजबूत नहीं हो सकता। इस देश को दिल्ली में बैठकर नहीं चलाया जा सकता। पूरी तरह विकेंद्रीयकरण करना पड़ेगा। हम लोग चुनाव के पहले जितनी मर्ज़ी राजनीति करें। लेकिन चुनाव के बाद पार्टीबाज़ी करने से जनता का नुकसान होता है।
राज्यपाल के जरिये केंद्र हस्तक्षेप करता है। यह उनके एजेंट की तरह काम करते हैं। सीबीआई को इस्तेमाल करके राज्यों पर कंट्रोल किया जाता है। इनकम टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी केंद्र सरकार-राज्यों में बंटती है। लेकिन बांटने पर राजनीति आ जाती है। पहले प्लानिंग कमीशन के जरिये बांटा जाता था, अब वह नहीं होता।
वहीं प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने संघीय ढांचे पर केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य हर चीज के लिए पूरी तरह केंद्र पर निर्भर हैं।