समाजवादी विचारधारा से ही दीर्घकालिक विकास सम्भव: अखिलेश
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवाद और सेक्युलरिज्म के रास्ते पर चलकर देश को विकसित और खुशहाल बनाया जा सकता है। समाजवादी विचारधारा को अपनाकर ही टिकाऊ और दीर्घकालिक विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट) किया जा सकता है। समाजवादी सरकार सभी वर्गों और क्षेत्रों की जरूरतों पर ध्यान देते हुए राज्य का संतुलित विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में आयोजित एक कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। सभी धर्मों और विचारों का देश में सम्मान किए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सहनशीलता और अपनापन भारत की पहचान है। इस सम्बन्ध में उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के कथन को भी उद्धृत किया।
प्रदेश के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री यादव ने कहा कि देश की लगभग 125 करोड़ आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा राज्य में निवास करता है। उत्तर प्रदेश के बगैर भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। राज्य की ज्यादातर आबादी कृषि और कृषि आधारित गतिविधियों पर निर्भर है। प्रदेश गेहूं, दूध, गन्ना, चीनी, बगास आदि का सर्वाधिक उत्पादन करता है। राजनैतिक तौर पर भी इस राज्य का विशिष्ट स्थान है, क्योंकि लोकसभा के लिए सर्वाधिक सांसद यहीं से चुने जाते हैं। प्रदेश की विशाल आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 14 स्मार्ट सिटी के विकास की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र के वायदों को पूरा किया है। ग्रामीण और शहरी इलाकों का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य के तेजी से विकास के लिए यहां विश्वस्तरीय अवस्थापना परियोजनाओं पर कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इस सम्बन्ध में खास तौर पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश के सबसे लम्बे इस एक्सप्रेस-वे को 06 लेन बनाया जा रहा है, जिसे 08 लेन किए जाने की भी व्यवस्था होगी। इस परियोजना से उद्योग और व्यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे बड़ी मण्डियां स्थापित की जाएंगी, जिनके माध्यम से किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध होगा। समाजवादी सरकार ने किसानों के सहयोग और समर्थन से इस परियोजना के लिए जमीन प्राप्त करने का जो माॅडल अपनाया, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि गति को दोगुना करने से अर्थव्यवस्था की बढ़ोत्तरी की रफ्तार तीन गुनी हो जाती है। इसे ध्यान में रखकर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ-साथ जनपद मुख्यालयों को 04 लेन मार्गों से जोड़ने का कार्य भी कराया जा रहा है ताकि जनता को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके।
प्रदेश सरकार द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ लखनऊ मैट्रो रेल का निर्माण कार्य भी पूरी गति से जारी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये दोनों परियोजनाएं वर्ष 2016 में पूरी हो जाएंगी। इसी प्रकार लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी अगले साल पूरा करके वहां मैच आयोजित होगा। राज्य सरकार क्रिकेट सहित सभी खेलों को बढ़ावा दे रही है। सरकार का प्रयास है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच आयोजित करने के मकसद से प्रदेश में एक फुटबाॅल स्टेडियम का भी निर्माण कराया जाए।
प्रदेश के संतुलित विकास और हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि एक ओर जहां मैट्रो रेल का निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर साइकिल ट्रैक भी बनाए जा रहे हैं। जहां एक ओर 15 लाख लैपटाॅप छात्र-छात्राओं को निःशुल्क वितरित किए गए, वहीं दूसरी ओर कामधेनु डेयरी योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी प्रकार हाइटेक सिटी परियोजनाओं के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए बड़े पैमाने पर लोहिया आवास बनाये जा रहे हैं। राज्य सरकार अपने संसाधनों से समाजवादी पेंशन योजना संचालित कर रही है, जो देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस वर्ष 45 लाख गरीब परिवारों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य सरकार बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण तंत्र को प्रभावी बनाया जा रहा है। समाजवादी सोच का ही नतीजा है कि एक ओर जहां अनपरा-डी तथा ललितपुर जैसी बड़ी बिजली उत्पादन परियोजनाओं की शुरूआत की गई है, वहीं दूसरी ओर गरीबों को सोलर पावर पैक के जरिए लोहिया आवास में बिजली दी जा रही है। 02 लाख लोहिया ग्रामीण आवासों में सोलर पैनल के जरिए बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा बिजली की खपत को कम करने के लिए लाखों की संख्या में एल0ई0डी0 बल्ब बांटे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकलौता राज्य है, जहां तीन शहरों में मैट्रो धरातल पर है, एक स्थान पर कार्य तेजी से जारी है और चार अन्य शहर-आगरा, कानपुर, मेरठ, वाराणसी में मैट्रो रेल के लिए डी0पी0आर0 तैयार की जा रही है। जयपुर में मैट्रो रेल जहां पांच साल में चल पायी, वहीं दूसरी ओर लखनऊ की मैट्रो रेल परियोजना ढाई साल में पूरी हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति के साथ ही विभिन्न सेक्टरों के लिए भी नीतियां बनाकर उन्हें लागू करने का काम किया है। सौर ऊर्जा नीति के तहत सौर ऊर्जा पावर प्लाण्ट स्थापित किए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा उद्यमियों और निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं से आकर्षित होकर राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। हाल ही में मुम्बई में सम्पन्न निवेशक सम्मेलन में लगभग 51 हजार करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।