कलाकार को किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती: राज्यपाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज 91 वर्षीय वरिष्ठ कलाकार पद्म विभूषण प्रो0 के0जी0 सुब्रामण्यम की चित्रकारी प्रदर्शनी का ललित कला अकादमी, अलीगंज में उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रो0 सुब्रामण्यम की पुत्री सुश्री उमा पद्मनाभम, श्रीमती मेघा मल्होत्रा निदेशक सीगल फाण्डेशन आफ आर्ट, कोलकाता, सिद्धार्थ घोष क्षेत्रीय सचिव ललित कला अकादमी सहित बड़ी संख्या में कला दर्शक व कला प्रेमीजन उपस्थित थे। प्रो0 सुब्रामण्यम अपनी उम्र के कारण प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में सम्मिलित नहीं हो सके।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊ के लोगों में कला के प्रति आकर्षण है। प्रो0 सुब्रामण्यम का नाम आधुनिक भारत के वरिष्ठ कलाकारों में शुमार किया जाता है। प्रो0 सुब्रामण्यम की कला प्रतिभा के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। कलाकार की कला स्वयं बोलती है। कलाकार को किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती मगर प्रो0 सुब्रामण्यम जैसा शायद ही कोई कलाकार होगा जिसको कला के क्षेत्र में इतना सम्मान मिला। प्रो0 सुब्रामण्यम अभी भी साहित्य एवं कला में रूचि लेते हैं। युवा उनसे प्रेरणा लें। पूर्व में राजाओं एवं नवाबों द्वारा चित्रकला, मूर्तिकला एवं अन्य विद्याओं को आदि को संरक्षण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह कार्य जनता की सरकार को करना चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि भारतीय संस्कृति पुरातन है। देवी-देवताओं की मूर्ति अलग-अलग रूप में देखने को मिलती है। राज्यपाल ने कहा कि बचपन में उन्होंने भी बंदर और टोपी वाले की कहानी का चित्रण किया था, मगर ज्यादा सफलता नहीं मिली। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित प्रो0 सुब्रामण्यम द्वारा निर्मित चित्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे शतायु हों और आगे भी इसी तरह सृजनात्मक कार्यों से समाज को प्रेरित करते रहें।