मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची अमेरिका को सौंपेगा भारत
मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची अमेरिका को सौंपेगा भारत
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा अमेरिकी दौरे के बीच ये खबर सामने आई है कि भारत अमेरिका को मोस्ट वांटेड आतंकियों की एक सूची सौंपेगा। सूची में शामिल ये आतंकी मुंबई में 26/11 हमलों और अन्य आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं।
लश्कर सरगना हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी, दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन समेत कई बड़े आतंकियों को पकड़ने के लिए भारत अब नई पहल कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारत मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट अमेरिका को देगा और इन्हें पकड़ने के लिए अमेरिका से समझौता किया जाएगा। बताया ये भी जा रहा है कि भारत इन्हें पकड़ने के लिए एफबीआई से मदद मांगेगा। वहीं, भारत टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर का हिस्सा भी बनेगा। भारत जिन मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट अमेरिका को सौंपने वाला है, उनमें कई आतंकियों के नाम शामिल हैं। इसमें कई अन्य हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों के नाम भी शामिल हैं।
लिस्ट में शामिल आतंकियों के नाम इस प्रकार हैं- हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी, दाऊद इब्राहिम, युसूफ मुजामिल (जम्मू-कश्मीर में लश्कर के कई आतंकी वारदातों में शामिल), राशिद अब्दुल्लाह उर्फ रहमान (कराची में आतंकी वारदात को अंजाम दिया), सज्जाद मीर (26/11 हमले में शामिल), मेजर इकबाल (पाकिस्तान इंटेलिजेंस का पूर्व असफर, 26/11 का गुनहगार, इस वक्त पाकिस्तान में), राशीद अब्दुल्ला उर्फ रेहान, मेजर सैयद मोहम्मद अब्दुर रहमान हाशमी (पूर्व आईएसआई अधिकारी), मेजर समीर अली, आमिर रजा खान, रियाज भटकल (भारत के कई आतंकी हमलों में शामिल), टाइगर मेमन, अनीस इब्राहिम, पाकिस्तान में छुपे बैठे कुद सिख दहशतगर्द आदि शामिल हैं।
मालूम हो कि अलकायदा, लश्कर-ए-तोएबा और डी कंपनी जैसे संगठनों से पैदा खतरे को पहचानते हुए भारत और अमेरिका ने बुधवार को आतंकवाद से लड़ने में गहरे सहयोग पर सहमति जताई और पाकिस्तान से वर्ष 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले भारत अमेरिका रणनीतिक एवं व्यावसायिक वार्ता की सहअध्यक्षता की। जॉन कैरी और सुषमा स्वराज के बीच बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है और दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर मिलकर लड़ेंगे। उधर, सुषमा और केरी के बीच वार्ता की समाप्ति पर दक्षिण एशिया क्षेत्र में आतंक के सुरक्षित पनाहगाहों से संचालित आतंकी संगठनों से पैदा खतरे को स्वीकारते हुए आतंकवाद से लड़ने पर संयुक्त बयान जारी किया गया। भारत और अमेरिका ने आतंकी संगठनों से पैदा निरंतर खतरे और इस्लामिक स्टेट से नये वैश्विक खतरे के उभरने को देखते हुए आतंकवाद निरोधक सहयोग का फैसला किया। वार्ता के संपन्न होने पर भारत और अमेरिका ने आतंकवाद निरोधक सहयोग पर अलग अलग संयुक्त बयान जारी करते हुए आतंकवाद से एक साथ लड़ने का संकल्प लिया। सुषमा ने कहा कि संयुक्त बयान लश्कर-ए-तोएबा, हक्कानी नेटवर्क और डी कंपनी जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ समान रूख पर दोनों देशों की प्रतिबद्धता दोहराता है।