सन ’65 के जाबांजों नाईक ने दी आदरांजलि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज मध्य कमान स्थित स्मृतिका जाकर 1965 युद्ध के शहीदों को अमर ज्योति पर पुष्प चक्र रखकर अपनी तथा प्रदेश की जनता की ओर से आदरांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मेजर जनरल राजीव के0 पंत, मेजर जनरल आर0एस0 मालवे, ले0जनरल वी0 रविशंकर, वी0एस0एम0, सहित बिग्रेडियर, कर्नल, जूनियर कमिशन्ड आफिसर्स स्तर के अधिकारी व सेना के जवान उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 1965 के युद्ध में भारत की सेना ने पाकिस्तान को बता दिया कि भारत के लोग किस लहू या मिट्टी से बने हैं। देश की सेना धर्म, जाति, वर्ग आदि से परे होकर देश की रक्षा करती है। सेना के जवान केवल देश की सुरक्षा के बारे में विचार करते है। उन्होंने कहा कि आज का दिन सेना के प्रति आदरभाव व्यक्त करने का दिन है।
श्री नाईक ने कहा कि वे कई बार स्मृतिका में जाबांज वीरों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आये हैं। पहली बार 26 जुलाई, 2014 को कारगिल दिवस पर वीरों को आदरांजलि देने आये थे। इस वीर भूमि की रौनक बढ़ाने की भूमिका में उन्होंने विचार किया कि प्रदेश के तीनों परमवीर चक्र विजेताओं के भित्ति चित्र लगाना उचित होगा। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार तथा मध्य कमान के अधिकारियों से बात करके शाहजहाँपुर निवासी नायक जदुनाथ सिंह, गाजीपुर निवासी हवलदार अब्दुल हमीद तथा लखनऊ निवासी कैप्टन मनोज पाण्डेय के भित्ति-चित्र लगाने का प्रस्ताव दिया तथा बाद में भित्ति चित्र के अनावरण समारोह में भी सम्मिलित हुए। आज 1965 के युद्ध में शहीदों की याद में फिर अपना सम्मान प्रकट करने आये हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता को भारत की सेना पर बहुत विश्वास है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सेना द्वारा 1965 के युद्ध से संबंधित लगायी गयी असल उत्तर, डोगरई, बर्की, हाजीपुर की शौर्यगाथा चित्र प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि 1965 के युद्ध में उत्तर प्रदेश के 107 जवान शहीद हुए थे। देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रदेश के जवानों में से एक को परमवीर चक्र, एक को महावीर चक्र तथा आठ को वीरचक्र से सम्मानित किया गया।