क़ुरबानी से ज़कात का कोई सम्बन्ध नहीं
ईद उल अज़हा हेल्पलाइन –आज के सवाल
सवाल: 1कुर्बानी किस समय तक कर सकते हैं? मुहम्मद जमाल, बालागंज
जवाब: 110 जिलहिज्ज से लेकर 12 जिलहिज्ज की शाम तक कर सकते है।
सवाल: 2कुर्बानी वाले जानवर की रस्सी व झूल को क्या करें? मुकीम अहमद, कानपुर
जवाब: 2खैरात कर दे।
सवाल: 3किया साहिब-ए-निसाब औरत पर भी कुर्बानी वाजिब है? शकील अहमद, लाल कुवाँ
जवाबः 3औरत अगर खुद साहिब-ए-निसाब हो तो उस पर कुर्बानी वाजिब हो जाती है, लेकिन
अगर वह साहिब-ए-निसाब नही है तो उसके शौहर पर उसकी तरफ से कुर्बानी वाजिब
नही है। अगर शौहर अपनी मर्जी से गुनजाइश देखते हुए कर दे तो बेहतर है।
सवालः4अगर कोई व्यक्ति कर्जदार है तो किया उस पर भी कुर्बानी है? जमील,यहियागंज
जवाब: 4अगर कर्ज अदा करने के बाद उसके पास इतनी रकम बच सकती है जो निसाब के बराबर
हो तो उस पर कुर्बानी वाजिब है।
सवाल: 5एक व्यक्ति जकात नही देता है लेकिन कुर्बानी करता है तो क्या उसकी कुर्बानी कुबूल होगी?
मुहम्मद फहीम, पाटानाला
जवाब: 5जकात न देने का गुनाह अलग होगा, लेकिन कुर्बानी अगर खुलूस से करे तो सवाब मिलेगा।
गौरतलब है कि दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल के अन्र्तगत हर साल की तरह इस साल भी ईद -उल-अज़हा हेल्प लाइन की शुरूआत की गयी है। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और वेब साइट के जरिए 15 सितम्बर 2015 से 27 सितम्बर 2015 तक दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक कुर्बानी हज व उमरा और अन्य समस्याओं से सम्बंधित सवालात मालूम कर सकते हैं। जिनके जवाबात इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिजम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की अध्यक्षता में उलमाक्राम का एक पैनल देता है। लोग अपने सवालात इन नम्बरों 94150.23970, 93359.29670, 94151.02947, 9236064987, और वेब साइट www.farangimahal.in पर मालूम कर सकते है।