सपा राज में बेरोज़गारों का बुरा हाल: कांग्रेस
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के लगभग चार साल पूर्ण होने को आ रहे हैं परन्तु प्रदेश में बेरोजगारी का हाल यह है कि लगभग तीन सौ चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए लगभग तेईस लाख से ऊपर अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जिनमें पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट, एलएल.बी., बी.टेक. उत्तीर्ण किये हुए अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया है जबकि इस पद की अर्हता मात्र कक्षा पांच उत्तीर्ण है। उ0प्र0 कंाग्रेस प्रदेश सरकार के तमाम विकास के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगाती है तथा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करती है कि यदि प्रदेश में इतनी बेरोजगारी व्याप्त है तो समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में किये गये वादों का क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश में बेरोजगार युवा नौकरी की मांग करते हुए जब सरकार के सामने प्रदर्शन करते हैं तो उनको सरकार ईनाम के रूप में लाठियां देती है और यह किसी भी प्रदेश के लिए शर्मनाक बात है कि योग्यता सड़क पर लाठी खा रही हो जबकि सरकार अयोग्य लोगों का चयन भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा करा रही हो।
प्रदेश सरकार द्वारा अब तक जितनी भी नियुक्तियां की गयी हैं वह सारी की सारी भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद के कारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी गयी हैं या माननीय उच्चतम न्यायालय में लम्बित हैं। ऐसे में सरकार जो विकास के दावे करती है वह मात्र झूठ और फरेब है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार इस बात का दावा करते हैं कि प्रदेश में पूंजीपति पूंजीनिवेश करने के लिए तैयार हैं तथा कई हजार करोड़ के मसौदे भी हस्ताक्षरित कर लिये गये हैं परन्तु जमीनी हकीकत यह है कि प्रदेश में किसी भी प्रकार का कोई भी आर्थिक विकास अथवा रोजगार सृजन होता हुआ नहीं दिख रहा है।