इंजीनियर्स अपने कार्य से समाज में पहचान बनायें: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक नेे आज अभियंता दिवस के अवसर पर इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स की लखनऊ शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इंजीनियरों के आदर्श हैं भारत रत्न विश्वेश्वरैया। जैसे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है उसी तरह विश्वेश्वरैया का जन्म दिवस अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर भारत रत्न विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी आदरांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने कहा कि इंजीनियर्स हर चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने कार्य से समाज में पहचान बनायें। अभियंताओं के श्रम, समर्पण एवं योगदान के बिना सामाजिक मूलभूत विकास की संरचनाएं एवं आवश्यकताएं पूरी नहीं हो सकती। आज का युग विज्ञान एवं विशेषज्ञता का युग है। अभियंता शोध एवं अनुसंधान का लाभ उठायें। इंजीनियरों के लिए दुर्गम स्थानों पर काम करना वास्तव में मुश्किल काम होता है। बड़ी परियोजनाओं को लेते समय टाइम ओवर रन और कास्ट ओवर रन का ध्यान रखना जरूरी है। इंजीनियर्स के लिए समय और निर्धारित बजट के अंदर निर्माण करना चुनौतीपूर्ण कार्य ही सुशासन है।
श्री नाईक ने बताया कि एस0एस0सी0 की परीक्षा पास करने के बाद उनका इंजीनियर बनने का विचार था। पिताजी ने कहा कि वे सिर्फ चार साल पढ़ाई का खर्च उठा सकते हैं। धनाभाव के कारण वे इंजीनियर नहीं बन सके। मन की इच्छा पूरी नहीं हुई। बचपन में मैसूर का तालाब और कृष्णा सागर बांध देखने के बाद लगता था कि हमें भी कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इसलिए इंजीनियरों का बहुत सम्मान करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इंजीनियर्स गुणवत्ता के साथ और समय से कार्य पूरा करें तो देश आगे बढे़गा। गुणवत्ता आज बहुत बड़ा विषय है। ताजमहल, भूलभुलैया आदि इमारते अपनी भव्यता और मजबूती के लिए याद की जाती हैं जबकि नये निर्माण में वह गुणवत्ता नहीं पायी जाती। बिजली, पानी, सड़क एवं निर्माण कार्य आदि में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि कार्यों में गुणवत्ता लाने से जनता के बीच इंजीनियर्स की छवि अच्छी बनती है।
श्री किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग ने अभियंता दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि इंजीनियर दिन-रात मेहनत करके अपना लक्ष्य पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स समाज के प्रबुद्ध वर्ग हैं जो परियोजनाओं को मूर्त रूप देते हैं।
श्री सुलखान सिंह, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण ने कहा कि इंजीनियर्स को प्रयास करना चाहिए कि भारत रत्न विश्वेश्वरैया ने जो माॅडल बनाया है उससे नयी मंजिल कैसे हासिल करें। काम करने से पूर्व यह विचार करें कि निर्माण किसके लिए किया जा रहा है। जागरूक समाज हर कार्य का व्यापकता से मूल्यांकन करता है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स स्वयं को समाज से जोडे़।
राज्यपाल ने इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रमुख अभियंता एवं संस्था के अध्यक्ष, श्री ए0के0 गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा संस्था के सचिव श्री प्रवीण मल्होत्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।