जिस पर नाज था उसी पर सवाल: विजय बहादुर पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश राज के स्वास्थ्य महाकमें को एक अद्द योग्य चिकित्सक की दरकार होना बताया। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को ही बहुप्रचारित एम्बुलेंस सेवा दगा दे गयी तो राज्य के बाकी लोगों के क्या हाल होंगे समझा जा सकता है। प्रदेश डेंगू और दिमागी बुखार की चपेट में है सरकार दांवे करने में मशगूल है तथ्य है कि राजधानी लखनऊ तक के अस्पतालों में डाक्टर 10 बजे तक नहीं पहुंच पा रहे है, प्रदेश के हालात और बदतर है।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य में डेंगू और दिमागी बुखार के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जाहिर करते हए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में हाई एर्लट जारी किये जा रहे है किन्तु व्यवस्थाये ठीक हो इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। कू-व्यवस्थाओं का दंश झेल चुके राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने अर्दली की तबियत खराब होने पर 108 एम्बुलेंस को फोन किया जब उन्होंने फोन मिलाया तो पहले व लगातार व्यस्त रहा फिर जब फोन मिला तो उठा नहीं यहां तक की 102 पर भी काल की गयी किन्तु मंत्री को एम्बुलेंस मुहैया नहीं हो पायी हो पायी। जांच में 102 पर की गयी काल का रिकार्ड स्वास्थ्य मंत्री की आवाज में रिकार्ड भी है किन्तु 108 पर की गयी काल को विशेषज्ञ की भी नहीं तलाश पा रहे है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वस्थ महकमें की तरीफ करते नहीं थकते है किन्तु हालात ये है कि गोण्डा से आयी मरीज भानमती राजधानी के विभिन्न अस्पतालों चक्कर काटती रही किन्तु उसे भर्ती होने की जगह नहीं मिल पायी थक हार कर जब उसके परिजन निराशा की अवस्था में रात 11.30 बजे एक समाचार पत्र के दफ्तर में मद्द की गुहार करते है तब जाकर उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया जा सका। राजधानी के अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की लम्बी-लम्बी कतारे है किन्तु बलरामपुर, सिविल, लोहिया में डाक्टर 10 बजे तक अपनी ओपीडी में बैठने का सिलशिला ही नहीं शुरू कर पा रहे है।
श्री पाठक ने कहा मुख्यमंत्री कहते है कि जब एम्बुलेंस 10 से 15 मिनट में हम पहुंचा ले जा रहे है तो पुलिस को भी हाईटेक बना उसे क्यों नहीं समय पर पहुंचाया जा सकता है किन्तु यहा तो जिस पर नाज था उसी पर सवाल खड़े हो गये और ये हादसा सामान्य जन के साथ तो रोज होता है अब खुद मंत्री के साथ घटित हो गया। उन्होंने कहा स्वस्थ्य मंत्री एनआरएचएम घोटाले की जिक्र करते हुए कहते है 150 डाक्टर जेल गये, आईएएस गये, मंत्री गये अब बाबू बचे है। बाबुओं का बेईमानी की प्रथा लिखने में अहम योगदान बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री कहते है इन्हे भी जेल भेजा जायेगा, किन्तु कब तक ? जब डाक्टरों की कार्यशैली को लेकर प्रश्न चिन्ह खड़े है, पैरामेडिकल स्टाफ के हालात ये है कि मुजफ्फरनगर में आठवीं पास बच्चा सरकारी अस्पताल में फर्मासिस्ट का काम कर रहा है। बाबू भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए फाइलें तक जला दे रहे है, भाजपा प्रवक्ता ने कहा यह सब कुछ स्वास्थ्य महकमें में घटित हो रहा है फिर भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते है उ0प्र0 में स्वास्थ्य सेवायें बेहतर है।