सोमनाथ भारती गिरफ्तारी पर 2 दिन की रोक
नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती को दिल्ली हाईकोर्ट से फिलहाल बड़ी राहत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 दिनों तक सोमनाथ भारती की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लिहाजा गुरुवार तक सोमनाथ भारती की गिरफ्तारी टल गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा कि वह सोमनाथ भारती के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में 17 सितंबर तक दंडात्मक कदम नहीं उठाए ।
गौर हो कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आप विधायक सोमनाथ भारती ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से घरेलू हिंसा और हत्या का प्रयास करने के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए सुरक्षा मांगी। सोमनाथ ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक अर्जी दी है। उधर, आगरा में आप के कार्यालय पर दिल्ली पुलिस ने सोमनाथ की तलाश में आज छापेमारी की।
भारती के खिलाफ उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा और हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कराया है। न्यायमूर्ति बीडी आनंद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ भारती के आग्रह पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई। इससे पहले उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने अदालत को बताया कि यह मामला अत्यंत आवश्यक है और उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी के पूरे आसार हैं। भारती के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि कल निचली अदालत ने भारती की अग्रिम जमानत का आग्रह करने वाली याचिका खारिज कर दी थी और अन्य अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) संजय गर्ग ने कल भारती का अग्रिम जमानत संबंधी आग्रह यह देखते हुए खारिज कर दिया था कि विधायक की पत्नी लिपिका मित्रा ने भारती के खिलाफ यह दूसरी शिकायत दर्ज कराई है। लिपिका ने शिकायत में आरोप लगाया है कि पुलिस की ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध निरोधक शाखा’ के समक्ष आश्वासन दिए जाने के बावजूद उन्होंने (भारती ने) अपने आचरण में सुधार नहीं किया।
बाद में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने भारती के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने एक आवेदन दाखिल कर कहा था कि जांच में भारती सहयोग नहीं कर रहे हैं और तीन सम्मन भेजे जाने के बावजूद वह पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। भारती की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने विशेष लोक अभियोजक की इन दलीलों को स्वीकार किया कि विधायक के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और आशंका है कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। अदालत ने विधायक की यह दलील भी खारिज कर दी कि हत्या के प्रयास का आरोप नहीं बनता है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारती ने अपनी पत्नी का गला घोंटने की कोशिश की और यह जानते हुए भी उसके पीछे कुत्ता छोड़ दिया था कि वह सात माह की गर्भवती है।
अदालत कक्ष में मौजूद भारती की पत्नी ने कहा कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे परेशान हो रहे हैं। उनके सामने मुझे मरने के लिए छोड़ दिया गया। मैं अपने पति से प्यार करती हूं, इसीलिए पांच साल तक उनका र्दुव्यवहार बर्दाश्त करती रही। लिपिका ने अदालत की मध्यस्थता की पेशकश भी ठुकरा दी। उसने 10 जून को दिल्ली महिला आयोग के समक्ष घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उसने आरोप लगाया था कि भारती साल 2010 में शादी के बाद से ही उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने इस बारे में पुलिस के समक्ष भी शिकायत की थी।
दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह भारती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 498ए (पत्नी के साथ पति द्वारा क्रूरता), 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), 406 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 511 को 313 के साथ पढ़ा जाए (महिला की सहमति के बिना उसका गर्भपात कराने का प्रयास), 420 (धोखाधड़ी) तथा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। भारती ने कल अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत मांगते हुए कहा था कि वह विधायक हैं और न्याय से उनके भागने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने अदालत में कहा था कि वह अब भी अपनी पत्नी और बच्चों का साथ देना चाहते हैं तथा मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।