लखनऊ: प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनता की जमीन से जुडे़ विवादों को अतिशीघ्र निस्तारित करंे। उन्होंने कहा कि जनता को किसी भी समस्या के लिए इधर-उधर भटकना न पडे़ इसके लिए उनकी समस्या को सुनकर सम्बन्धित अधिकारी को तत्काल  उसके समाधान के लिए निर्देश दें।

 श्री यादव आज कालीदास मार्ग स्थित जनसुनवाई भवन में प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से आई हुई जनता की समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने जनता दर्शन में आये हुए विकलांगों एवं मरीजों की समस्याओं को गम्भीरता से सुना तथा मौके पर ही सम्बन्धित अधिकारियों को फोन पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। श्री यादव ने फैजाबाद से आये हुए फरियादों की शिकायत पर मंडालायुक्त को तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने के निदेश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को परेशान न किया जाये तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रतिदिन एक निश्चित समय पर कार्यालय में बैठकर  जनता की समस्या को सुनकार तत्काल निष्तारित करे। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हितों के प्रति संवेदनशील है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जायेगी।  श्री यादव ने उन्हें आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार सभी प्रकार मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहती है इसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी स्तर से होती है तो निश्चित ही उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। 

 जनता द्वारा शिकायत करने पर उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को फोन पर निर्देश दिये कि बेकसूर एवं बेगुनाह जनता को परेशान न करें तथा जो भी व्यक्ति अपराध करता है उसे तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अवैध अथवा फर्जी तरीके से न फसाया जाये। श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि किसी व्यक्ति ने अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा/अतिक्रमण किया है तो तत्काल उसे खाली करायें तथा दोषी व्यक्ति के विरूद्व आवश्यक कार्रवाई भी करेें। 

 लोक निर्माण मंत्री  शिवपाल सिंह यादव आज जनसुनवाई भवन में ही कबीर आलम उर्फ आलम गोरखपुर द्वारा रचित ’’समाजवादी नग्में’’ पुस्तक का विमोचन भी किया। श्री यादव ने कहा कि आज के दोैर मे इस प्रकार की पुस्तकों के लिखने की आवश्यकता है। इस प्रकार की पुस्तकांें से समाज मे एकता एवं सद्भाव का संचार होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने  सदैव इस प्रकार की पुस्तकों एवं लेखकों को बढ़ावा दिया है।