कुष्ठ पीडि़त भी समाज के अभिन्न अंग हैं: राज्यपाल
कुष्ठ बस्तियों में खुशहाली लाना हम सबकी जिम्मेदारी: राज्यपाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि कुष्ठ पीडि़त भी समाज के अभिन्न अंग हैं। समाज में फैली कुछ भ्रांतियों के कारण कुष्ठ पीडि़त लोग समाज से कटे हुए हैं। लोगों में सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि कुष्ठ पीडि़त के स्पर्श मात्र से उन्हें यह रोग हो सकता है, जबकि तमाम रिसर्च से यह बात साबित हो चुकी है कि यह संक्रामक रोग नहीं है।
श्री राम नाईक आज जनपद बहराइच में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यशाला का, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की उपस्थिति में, शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य होगा, जहां कुष्ठ पीडि़तों के भरण-पोषण के लिए 2500 रुपए प्रति माह पेंशन प्राप्त होगी। उन्होंने प्रदेश सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि आज के समय में कुष्ठ रोगी अपने घर से ही नहीं बल्कि गांव से दूर एक अलग बस्तियों में रहने पर मजबूर हैं। पूरे देश में लगभग 800 बस्तियां ऐसी हंै, जहां मात्र कुष्ठ पीडि़त लोग रह रहे हैं। इन बस्तियों के हालात अच्छे नहीं हंै। वहां पर खुशहाली लाना हम सब की जिम्मेदारी है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लोक नायक जय प्रकाश नारायन, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जैसे चिंतकों ने समाज के निचले पायदान पर रहने वाले लोगों की बेहतरी के लिए काम करने का आह्वान किया। इस परिदृश्य में यदि कुष्ठ पीडि़तों को देखा जाए तो यह समाज के निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति से भी दो कदम पीछे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने कई साल तक इण्टरनेशनल लेप्रोसी यूनियन के साथ कार्य करते हुए कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं को संसद में भी उठाया था।
कार्यशाला को ऐतिहासिक बताते हुए श्री राम नाईक ने कहा कि ऐसे बहुत कम अवसर देखने को मिलते हैं, जब प्रदेश की राजधानी के बाहर राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक साथ किसी कार्यक्रम में सम्मिलित हों। उन्होंने कहा कि कुष्ठ पीडि़तों के सुनहरे कल के निर्माण के लिए यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बहुत जल्द ही कुष्ठ पीडि़तों को प्रतिमाह 2500 रुपए पेंशन दिए जाने का शुभारम्भ किया जाएगा। इस योजना से लगभग 10 हजार कुष्ठ रोगी लाभान्वित होंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए 15 करोड़ रुपए की बजट की व्यवस्था की गयी है। इससे कुष्ठ पीडि़तों की सामाजिक, आर्थिक एवं पारिवारिक समस्याओं का समाधान हो सकेगा। कुष्ठ पीडि़तों की पेंशन में इज़ाफा करने के निर्णय के पीछे राज्यपाल एवं जापान की सासाकावा फाउण्डेशन की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। कुष्ठ पीडि़तों के लिए दवा-इलाज, एम्बुलेन्स एवं चिकित्सालय इत्यादि की जहां भी आवश्यकता होगी प्रदेश सरकार उसमें पीछे नहीं रहेगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में बड़े सुधार किए गए हैं। चिकित्सालयों में निःशुल्क दवाई, एक्स-रे, जांच एवं अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा निकट भविष्य में और भी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मरीज़ों की सुविधा को देखते हुए चिकित्सा विभाग के लिए फण्ड की कमी नहीं होने दी जाएगी। विद्युत के क्षेत्र में प्रदेश काफी तेज़ी से विकास कर रहा है। पूरे प्रदेश में संसाधनों में वृद्धि की जा रही है, ताकि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा विद्युत आपूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, सांसद बहराइच सावित्री बाई फुले, विधायक बलहा बंशीधर बौद्ध सहित अन्य गणमान्य लोग तथा भारी संख्या में कुष्ठ पीडि़त जन मौजूद थेे।