अखिलेश राज में बेटियों का राह चलना दुभर हो गया है: पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा अखिलेश की लचर प्रशासनिक व्यवस्था बेटियों की जान पर भारी पड़ रही है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दांवो से इतर अखिलेश राज में बेटियांे का राह चलना दुभर हो गया है दुराचारी, शोहदे राजनैतिक रसूख के कारण इतने बेलगाम हो गये है कि छेड़छाड़ की शिकायत करने पर मारपीट, जान लेने तक में कोताही नहीं बरत रहे है।
पार्टी मुख्यालय पर सोमवार को प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने राज्य में बेटियों के साथ हो रही घटनाओं पर चर्चा में कहा गोरखपुर के बेलीपार थाना अंतर्गत कालेज में पढ़ने वाली एक छात्रा को शोहदों की फब्तियों से आजिज़ आकर जान देनी पड़ी। काॅलेज आते-जाते लगातार शोहदों के व्यंग और भद्दी टिप्पणियों से आजिज छात्रा ने फांसी लगा ली। हलात ये है कि छात्रा के शिकायत पर पुलिस ने जिन शोहदों को पकड़ा था उनपर कार्यवाही करने के बजाय सुलह-समझौता करा थाने से छोड़ दिया गया। जब 3 सितम्बर को लिखित शिकायत हुई तो कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? किसके कहने पर पुलिस ने नर्मी बरती, अब उसकी मृत्यु का जिम्मेदार कौन ?
उन्होंने उन्नाव के गंगा घाट थाना अंतर्गत एक ही परिवार की दो बेटियों के साथ दुराचार और हत्या की घटना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 31 अगस्त से बेटियां लापता थी उनके परिजन कह रहे है कि लगातार वे पुलिस के सम्पर्क में थे पुलिस से खोजबीन की गुहार लगा रहे थे। यहां तक कि कुछ लोगों पर शक भी जाहिर करते हुए मदद की गुहार करते रहे। किन्तु उसकी खोजबीन कौन कहे, एक का शव शानिवार को खेत के पास लगे एक पेड़ में तेजाब से अधजला लटकता हुआ मिला। जबकि दूसरी किशोरी का शव छत-विछत स्थिति में पाया गया। शव को जानवरों ने नोच डाला था पुलिस ने एक तरह से शव को बटोरा और पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।
श्री पाठक ने बुलन्दशहर में छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि छेड़छाड़ की शिकायत लेकर जब माता-पिता जाते है तो मारपीट की जाती है मारपीट में छात्रा की माँ की मृत्यु होती है। पीडि़ता न्याय की गुहार कर रही है। सरकार 1090 से लेकर के सुरक्षा एप्स, पड़ोसी राज्यों में यहां से ज्यादा घटनाऐ होती है का हवाला दे राजनैतिक बयानबाजी कर रही है और तो और रटा-रटाया उत्तर है कार्यवाही की जा रही है किन्तु बड़ा सवाल ये है कि सरकार के सारे दांवे और प्रतिदांवों के बीच अखिलेश राज में बेटियों का सड़क पर चलना दुभर हो गया है शोहदों के हौसले लगातार बढ़ रहे है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण बिटियों की जान जा रही है। जिस पुलिस पर रक्षा की जिम्मेदारी हैं वो शोहदों और अराजक तत्वों पर कार्यवाही की बजाय बिचैलिये की भूमिका में नजर आ रही है। उन्नाव, गोरखपुर में यदि समय से कार्यवाही होती तो इन बेटियों की जान बच सकती थी।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा घटनाओं पर सख्त और कठोर रवैया अपनाने के बजाय घटनाओं को कमतर कर आकने की अखिलेश सरकार की नीत के कारण राज्य में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में जहां बढ़ोत्तरी हुई है वहीं अराजक और अपराधी तत्व विभत्सता का परिचय दे तेजाब डालने से लेकर टुकड़े-टुकड़े तक करने में भी गुरेज नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा दांवो से इतर सरकार घटनाओं को तथ्यात्मक रूप से देखे और कठोर कार्यवाही कर संदेश दे कि आगे घटनाएं रूके।