देश की जनता सेना को सबसे अधिक सम्मान देती है: अखिलेश
मुख्यमंत्री ने भारतीय वायु सेना के शहीदों के आश्रितों को 20-20 लाख रु0 का चेक प्रदान कर सम्मानित किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर 25 जुलाई, 2014 को जनपद लखनऊ के बक्शी का तालाब में भारतीय वायु सेना के दुर्घटनाग्रस्त हैलीकाॅप्टर के शहीदों के आश्रितों को सम्मानित किया। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल अरूप राहा भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने शहीद विंग कमाण्डर हैदराबाद निवासी टी0एन0वी0 सिंह की पत्नी स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) जया रावत, केरल निवासी स्क्वाड्रन लीडर राजागोपाल मनु की पत्नी श्रीमती स्टेफी पाॅल, उड़ीसा निवासी सार्जेन्ट देवेन्द्र पांडा की पत्नी श्रीमती ज्योतिर्मयी पांडा, छत्तीसगढ़ निवासी जूनियर वारंट अफसर प्रदीप्तो मुखर्जी की पत्नी श्रीमती नम्रता मुखर्जी, राजस्थान निवासी काॅरपोरल मनोज यादव की पत्नी श्रीमती मीनू यादव, पश्चिम बंगाल निवासी काॅरपोरल रबीस कुमार सिंह के पिता श्री बिन्दा सिंह तथा आन्ध्र प्रदेश निवासी एयर क्राफ्टस मैन डूम्पा लक्ष्मूनायडू के पिता श्री डूम्पा रामनय्या को प्रदेश सरकार की तरफ से 20-20 लाख रुपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया।
इस मौके पर श्री यादव ने शहीद वायु सैनिकों को अपनी तरफ से श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश की जनता सेना को सबसे अधिक सम्मान देती है। समाजवादी विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोग हमेशा सैनिकों के प्रति विशिष्ट भाव रखते हैं। आदरणीय नेताजी के नेतृत्व मंे तत्कालीन राज्य सरकार ने शहीदों के सम्मान की परम्परा शुरू की थी, जिसे वर्तमान राज्य सरकार आगे बढ़ा रही है। देश की सेवा करने वाले सैनिकों एवं अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिकों के प्रदेश में शहीद होने पर, वर्तमान राज्य सरकार ने 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है, चाहे शहीद जवान किसी भी राज्य का निवासी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष नेपाल में आए भूकम्प तथा विगत वर्ष उत्तराखण्ड में हुई प्राकृतिक आपदा के दौरान सेना ने बचाव व राहत कार्याें में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इसके फलस्वरूप हजारों लोगों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाला गया और समय पर राहत सामग्री पहुंचायी गई। उन्होंने भारतीय सेना की गौरवशाली परम्परा का स्मरण दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार सेना को आवश्यकतानुसार हर सम्भव सहयोग प्रदान करने के लिए काम करती रहेगी।
इससे पूर्व, एयर चीफ मार्शल श्री अरूप राहा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शहीद वायु सैनिकों को आर्थिक मदद देने का निर्णय सराहनीय है। उत्तर प्रदेश की सरकार वायु सेना को काफी बुनियादी मदद दे रही है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर वायु सेना के लड़ाकू जहाजों के लिए एक्सप्रेस-वे पर ही हवाई पट्टी जैसी गुणवत्ता वाले ब्लाॅक तैयार किए जाने के फैसले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर निर्मित एयर स्ट्रिप पर भी लड़ाकू जहाज उतारने की सुविधा प्रदान की गई है। इससे वायु सेना की क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि देश के अन्य प्रदेशों में भी इसी प्रकार की पहल की जानी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि 25 जुलाई, 2014 को 111 हैलीकाॅप्टर यूनिट बरेली (स्नो टाइगर्स) से इलाहाबाद तक भारतीय वायु सेना की एक टीम आॅपरेशनल कार्य हेतु ए0एल0एच0 हैलीकाॅप्टर से पक्षियों तथा अन्य सर्वेक्षण कार्याें को अंजाम दे रही थी। इस दौरान एक गम्भीर तकनीकी खराबी के कारण हैलीकाॅप्टर अपना नियंत्रण खोने लगा। यह सब इतने कम समय में हुआ कि किसी प्रकार का रिकवरी एक्शन करना सम्भव नहीं था, और हैलीकाॅप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। संकट की घड़ी में पायलट और टीम ने सूझ-बूझ और धैर्य का परिचय देते हुए, हैलीकाॅप्टर को गांव से दूर एक खाली मैदान तक ले जा कर गिरने दिया। इस प्रकार वायु सेना के बहादुर सैनिकों ने गांव को क्षतिग्रस्त होने से बचा लिया। अपनी जान की परवाह किए बिना, नागरिकों की जान बचाने का यह कार्य वायु सेना की गौरवशाली परम्परा का परिचायक था।