निर्भया काण्ड के दरिंदों को डकैती मामले में दस साल की सजा
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले के चार दोषियों को बुधवार को एक ट्रायल कोर्ट ने अलग-अलग डकैती के मामले में दस साल की सजा सुनाई है। एडिशनल सेशन जज रीतेश सिंह ने विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, मुकेश और पवन गुप्ता को 16 दिसंबर, 2012 की रात बढ़ई राम अाधार को लूटने के आरोप में सजा सुनाई है। आपको बता दें कि उसी रात इन चारों ने निर्भया के साथ दुष्कर्म को भी अंजाम दिया था।
27 अगस्त को कोर्ट ने चारों को आईपीसी की कई धाराओं के तहत डकैती, अपहरण, स्वेच्छा से बेईमानी आदि चोरी की संपत्ति प्राप्त करने के मामलों में दोषी करार दिया था। वहीं 2013 में निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में बाद में हाई कोर्ट ने भी सजा की पुष्टि की थी। वहीं अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
2013 में निर्भया मामले में एक और दोषी राम सिंह के खिलाफ कार्यवाही उस वक्त से ठंडी पड़ गई जब तिहाड़ जेल में उसकी मौत हो गई थी। जबकि मामले में एक और नाबालिग दोषी को तीन सालों तक सुधार घर भेजने की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि 15 मार्च, 2013 को दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्ज शीट में बस ड्राइवर राम सिंह, उसके भाई मुकेश, विनय, पवन, अक्षय और नाबालिग के खिलाफ आरोप लगाया था कि, इन लोगों ने राम अधार को बस में बैठाने के बाद उससे उसका मोबाइल और 1500 रूपए छीन लिए थे।