उन्नाव:  उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा मोदी सरकार को मुस्लिमों के साथ भेदभाव न करने की सलाह पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति जो भी वक्तव्य देते हैं, उसका कोई अर्थ होता है। प्रधानमंत्री को उनके इस सुझाव पर विचार करना चाहिए। लोकायुक्त की तैनाती पर पूछे गए सवाल को वह टाल गए। राज्यपाल आज उन्नाव में नरेंद्र भदौरिया की पुस्तक ‘अतुल्य’ के विमोचन समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश में नकल पर रोक न लगने के सवाल पर कहा कि मुझे राज्यपाल बने लगभग एक वर्ष हो चुका है। प्रदेश के 25 विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति हूं। जब राज्यपाल बना तो देखा कि अधिकांश विश्वविद्यालयों में तीन-चार वर्षों से दीक्षांत समारोह नहीं हुआ था। मैंने दीक्षांत समारोह आयोजित करने का जोर दिया। इसके बाद दूसरी बड़ी समस्या शिक्षा सत्र की थी। उसमें सुधार हो गया है और समय से परीक्षा होने के साथ परिणाम भी समय से घोषित हो रहे हैं। इससे नकल की समस्या में भी सुधार हुआ और परीक्षा परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं।