अखिलेश राज में पुलिस थाने हत्या का केन्द्र : विजय बहादुर पाठक
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अखिलेश राज में पुलिस थाने हत्या (पुलिस के शब्दों में आत्महत्या) का केन्द्र बनते जा रहे हैं। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राजधानी से सटे सीतापुर (महमूदाबाद) की घटना हो या बाराबंकी (देवा कोतवाली) की पुलिसिया कहर मृत्यु का कारण बनी। घटना के बाद जांच और कार्यवाही का भरोसा देते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घटनाओं पर त्वरित और कठोर कार्यवाही करते तो घटनायें रूकती पर यहां तो बाराबंकी में ही दूसरी बार खाकी पर मार डालने के आरोप है। कोठी थाने में महिला को जलाकर मारने का ममला रहा हो या फिर देवा कोतवाली में हिरासत में मौत पुलिस आरोप के घेरे में है। आलाधिकरी कुर्तकों से बचाव में जुटे हैं।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय में बाराबंकी के देवा कोतवाली में दलित युवक की मौत पर सवाल खडे़ करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा बेलागाम और उच्चश्रृखल बाराबंकी पुलिस राजनैतिक आकाओं के भरोसे आपराधिक कृत्य करने में भी गूरेज नहीं कर रही है। बाराबंकी की कोठी थाना क्षेत्र में नीलू नाम की महिला को जलाकर मारने के आरोपो से घिरी पुुलिस का एक और कारनामा देवा कोतवाली में सामने आया, जहां छह फूट के युवक की साढे पांच फीट के ऊचे शौचालय में आत्महत्या के तर्क गढे जा रहे है।
उन्होंने कहा सीतापुर के महमूदाबाद में युवती का शव सदिग्ध हालत में थाने के ही शौचालय में दुपट्टे से लटका हुआ पाया गया था। जब पड़ताल हुई और तस्वीरें छपी तो स्पष्ट था कि मृतका के पैर जमीन पर थे। सवाल उठा कि जब पैर जमीन पर थें तो फंदे से मौत कैसे हो सकती है। उसी तरह बाराबंकी के देवा में पुलिस जिस युवक की मौत को आत्महत्या बता रही है। वहां जिस पानी की टंकी के पाईप में लटककर फांसी लगाने की बात की जा रही है। वहां की उंचाई साढे पांच फुट के करीब है, पाइप दीवार से सटा होने के कारण फांसी लगाना दुरूह कार्य है, किन्तु यह अखिलेश की पुलिस है अपने बचाव में कुछ भी तर्क दे सकती है और कोई भी कहानी गढ सकती है।
श्री पाठक ने कहा कि अखिलेश की लुटेरी पुलिस निरीह गरीब को पीट-पीट कर मार डालने की आरोपी है। बीते मई में ललितपुर के मझवारा में पुलिस दीपक साहू को थाने लाती है, यातना देती हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है। जून में गाजियाबाद के कबिनगर में वाहन चोरी के आरोप में शकील को गिरफ्तार करती है उसके साथ भी पुलिसिया ताडव होता हैं और वह काल के ग्रास में समा जाता है। सत्ता के गढन से ही राज्य मेें पुलिसिया कहर जारी हैं, सितम्बर 2012 में बरेली कोतवाली में 25 वर्षीय दीपक यादव की पुलिस मार डालने की आरोपी है, फतेहपुर के बिन्दीकी थाना क्षेत्र में 60 वर्षीय रामपाल सोनकर को पुलिस प्रताड़ना के कारण जांन गंवानी पडती है, यही नहीं गाजीपुर के घनश्याम को भी पुलिसिया कहर के कारण अपनी जांन से हाथ धोना पड़ता है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा बाराबंकी के कोठी थाना क्षेत्र में महिला को जला देने की घटना पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था मजिस्टेªटिव जांच के आदेश दे दिये गये है। किन्तु जब जांच शुरू हुई तो सीवीसीआईडी जांच करने लगी आरोपी गिरफ्तार होने से बच गये। अब बाराबंकी के ही देवा कोतवाली में मामला हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि घटनाओं से बचते और पीछा छुड़ाने की बजाय काठोर कार्यवाही करें मुख्यमंत्री।