फिल्म समीक्षा: ‘फ़ैंटम’ में नहीं है दम
मुंबई: इस फिल्मी फ्राइडे रिलीज हुई है, ‘फ़ैंटम’ सैफ अली खान, कैटरीना कैफ, सब्यासाची चक्रवर्ती, मोहम्मद जीशान को। ‘फ़ैंटम’ की कहानी हुसैन ज़ैदी की किताब ‘मुंबई एवेंजर्स’ पर आधारित है, जिसमें 26/11 के हमले में शामिल आतंकवादी को ढूंढकर गुप्त मिशन के तहत खत्म करने की मुहिम है। ऐसा ही कुछ आपने ‘डी डे’ और ‘बेबी’ में देखा होगा, फिल्म की सबसे बड़ी खामी यही है।
इन विषयों को पहले देखने के कारण ये ताजा नहीं लगते। फिल्म का नायक दनियाल यानी सैफ़ हिन्दुस्तान के दुश्मनों का जिस तरह खात्मा करता है, वह हजम नहीं होता। काफी सीन्स फिल्मकार की सहुलियतों पर निर्भर नजर आते हैं।
वहीं सैफ-कैटरीना के किरदारों के अतीत की दास्तां रोमांटिक नहीं, बल्कि फिल्म को ड्रैग करती है। हालांकि निर्देशक कबीर खान ने स्क्रीनप्ले का ताना-बाना ठीक से बुना है, जो आपको पर्दे पर नज़र आएगा। वह शायद आपको फिल्म से जोड़े रखे, हां पर, थ्रिल यानी रोमांच शायद न दे पाए। सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो कई सीन्स बहुत अच्छे से फ़िल्माए गए हैं। अभिनय के लिए ज़ीशान की तारीफ़ ज़रूरी है। सैफ़-कैटरीना फ़िल्म में ठीक हैं पर लाजवाब नहीं। हां, कैटरीना का क्लाइमैक्स के दौरान का ड्रामे से भरा सीन आपको जरूर हंसाएगा।