अहमदाबाद में सेना बुलाई गयी, हिंसा में 7 मौतें
सूरत, महेसाणा, मोरबी में लगा कर्फ्यू, भाजपा कार्यालयों को बनाया जा रहा है निशाना
अहमदाबाद। गुजरात में मंगलवार रात हुई जबरदस्त हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बाद बुधवार को एक बार फिर ऎसी घटनाओं का दौर शुरू हो गया है, जिसमें अन्य स्थानों के साथ ही मंत्रियों और सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालयों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अहमदाबाद में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया समेत नौ क्षेत्रों और उनके गृह जिले पाटन के अलावा सूरत और महेसाणा और मोरबी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मंगलवार रात से हुई हिंसा में पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए है, जबकि अहमदाबाद के वस्त्राल इलाके में देर रात उग्र भीड पर पुलिस फायरिंग में 7 लोगों की मौत हुई है। पांच जिलों के कुल 17 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में सेना को बुला लिया गया है और सेना जल्द ही फ्लैग मार्च करेगी। सूरत में स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए विमान से आरएएफ की टुकड़ी भेजी गई है।
गुजरात में मंगलवार रात हुई जबरदस्त हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के बाद आज एक बार फिर ऐसी घटनाओं का दौर शुरू हो गया है, जिसमें अन्य स्थानों के साथ ही मंत्रियों और सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालयों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अहमदाबाद में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया समेत नौ क्षेत्रों और उनके गृह जिले पाटन के अलावा सूरत और महेसाणा और मोरबी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कल रात से हुई हिंसा में पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए है, जबकि अहमदाबाद के वस्त्राल इलाके में देर रात उग्र भीड पर पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हुई है। पांच जिलों के कुल 17 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने की मांग के समर्थन में शुरु हुआ पाटीदार समुदाय का आंदोलन हिंसक हो गया है। पूरे राज्य में हिंसा और अराजकता का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाटीदार आंदोलन को लेकर भड़की हिंसा के बीच लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करें। बातचीत से समस्या का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने गुजराती में शांति की अपील की। हालांकि यह अपील काम नहीं आई।
वहीं हार्दिक पटेल ने वाट्सअप पर मैसेज कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वाट्सअप पर उन्होंने लिखा की हमारे समुदाय के लोग शांति बनाए रखें। उधर, केंद्रीय गृह राजनाथ सिंह ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से राज्य की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर बात की। गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह राज्य सरकार के संपर्क में है और वहां दिल्ली से 6000 जवान भेजे जा रहे हैं।
इससे पहले विशाल क्रांति रैली के बाद हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री आनंदी पटेल को सभा स्थल पर आकर उनका ज्ञापन लेने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हार्दिक पटेल समेत अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने देर शाम वहां से जबरन उठा दिया और उन्हें हिरासत में लेकर चले गए, लेकिन गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल के महेसाणा स्थित आवास पर हमले और आगजनी समेत कई स्थानों पर हिंसक घटनाओं के बीच उन्हें थोड़ी देर बाद रिहा कर दिया गया।
इसके बाद से पूरे राज्य में जबरदस्त हिंसा और अराजकता का माहौल है। दंगाइयों ने कुल 98 बसों को जलाया और 70 को क्षतिग्रस्त किया है। उन्होंने 25 बस स्टैंड और 14 पुलिस चौकियों को भी आग लगायी है। मेहसाणा के कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री और आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए गठित सात सदस्यीय मंत्री समिति के अध्यक्ष नीतिन पटेल के बंद पड़े निजी आवास पर भी हमले और गृहराज्य मंत्री रजनी पटेल के महेसाणा आवास में आगजनी के प्रयास के बाद शहर में देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया। वहां कड़ी नगरपालिका भवन और विसनगर की पुलिस चौकी समेत कई चौकियों में भी भीड़ ने आग लगा दी थी। कई बसों में भी आग लगा दी थी। महेसाणा शहर के अलावा विसनगर तथा उंझा शहरों में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है। अहमदाबाद में भी तनावपूर्ण स्थिति के बीच सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा कर दी गई है।
कलेक्टर राजकुमार बेनीवाल ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बाहर से भी सुरक्षा बल को बुलाया गया है। चांदलोडिया इलाके में भीड़ ने पुलिस चौकी में आग लगाने के बाद वहां रेलवे की पटरी भी उखाड़ दी, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया है। उधर हिंसा लगभग पूरे राज्य में फैल गई है। राजकोट में भीड ने 200 फीट रिंग रोड में बीआरटीएस के बस अड्डों पर हमला कर कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि सूरत में भीड ने हीराबाग पुलिस चौकी में आग लगा दी। शहर में पांच एसटी बसों को भी जला दिया गया।
इससे पहले हिरासत से छूटने के बाद हार्दिक ने यहां पुलिस मुख्यालय के निकट कहा कि उनका आंदोलन यथावत जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि ऎसा लगता है कि सरकार शांति की इच्छा नहीं रखती। हालांकि बाद में उन्होंने जारी वीडियो संदेश में लोगों से शांति बनाने की रखने की अपील की। उधर मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने समिति के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। गृह मंत्री पटेल ने कहा कि उनके विभाग ने सभा स्थल पर कार्यवाही की अनुमति नहीं दी थी।