चुनाव मशीनरी यूपी में खोलेगी नौकरियों का पिटारा
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में अब चुनाव मशीनरी भी नौकरियों का पिटारा खोलने की तैयारी में है। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य में तहसील और ब्लॉक के स्तर पर अपना स्टाफ तैनात करने का एक वृहद प्रस्ताव तैयार किया है।
इस प्रस्ताव के तहत प्रत्येक तहसील व ब्लाक स्तर पर राजपत्रित अधिकारी के साथ तीन वरिष्ठ सहायक, दो से तीन कनिष्ठ सहायक, चपरासी, सफाई कर्मी आदि की तैनाती की जाएगी। इस हिसाब से देखें तो प्रदेश में जल्द ही हजारों नौकरियों के अवसर आने वाले हैं।
अभी तक केन्द्रीय निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधित्व सिर्फ जिला स्तर पर ही रहता है। इसमें जिला स्तर पर सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी तैनात हैं और एक एडीएम स्तर का नामित अधिकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी निभाता है। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग लम्बे अरसे से तहसील व ब्लाक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की जरूरत महसूस कर रहा था।
अगर प्रदेश की 403 विधान सभा सीटों और 80 लोकसभा सीटों पर वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के काम को ही लिया जाए तो प्रदेश के एक लाख चालीस हजार मतदान केन्द्रों पर इतने ही बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) की जरूरत पड़ती है जो विभिन्न विभागों से आयोग द्वारा उधार में लिए जाते हैं। इन बीएलओ के ऊपर का निगरानी तंत्र भी राजस्व व प्रशासन आदि विभागों से ही जरूरत पड़ने पर उधार में ही लिया जाता है।
केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने इन्हीं दिक्कतों के मद्देनजर एक प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजा है। ऐसी भर्तियां सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि सभी राज्यों में की जानी हैं। इन भर्तियों और इनके वेतन भत्ते आदि पर आने वाला खर्च केन्द्र व राज्यों की सरकारें आधा-आधा वहन करेंगी।