दबाव महसूस कर रहे हैं नमन ओझा
कोलंबो: ऋधिमान साहा को चोट लगने के कारण लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम में जगह बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने आज कहा कि यदि श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में उन्हें खेलने का मौका मिलता है तो उन पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा।
ओझा ने कहा, थोड़ा दबाव तो है लेकिन मुझे लंबे इंतजार के बाद यह मौका मिला है। मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा। मैंने लंबा इंतजार किया है और अब मैं इस पल का लुत्फ उठाना चाहता हूं। उन्होंने कहा, इस टेस्ट के लिये बुलावा आना अद्भुत अनुभव था। मुझे बहुत अच्छा लगा। मेरी तैयारी अच्छी है और पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ खेलकर अच्छा अनुभव मिला। उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकूंगा। ओझा ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ एक वनडे और जिम्बाब्वे में दो टी20 मैच खेले हैं। उसके बाद से वह टीम में दूसरे या तीसरे विकेटकीपर के रूप में रहे हैं।
मध्यप्रदेश के इस खिलाड़ी ने कहा, मैंने सिर्फ सीमित ओवरों का क्रिकेट खेला है और उसके बाद टीम से बाहर रहा। मैंने घरेलू सर्किट पर काफी मेहनत की और खुद से यह कहता रहा कि टीम में लौटने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी। मुझे ज्यादा से ज्यादा रन बनाने होंगे। मैंने खुद को फिट रखा ताकि दूसरा मौका मिलने पर उसका फायदा उठा सकूं।
यह पूछने पर कि क्या उसने अपनी विकेटकीपिंग या बल्लेबाजी की शैली में कोई बदलाव किया है, ओझा ने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा, मैंने किसी चीज में कोई बदलाव नहीं किया है। मैं जैसा खिलाड़ी हूं, वही हूं। विकेट में भले ही टर्न और उछाल हो लेकिन मुझे अपने शाट्स खेलना पसंद है। ओझा ने कहा, भारत ए के लिये खेलते समय सीनियर्स ने मुझसे क्रीज पर वक्त बिताने के लिये कहा। मैंने संयम के साथ खेलने की कोशिश की लेकिन मुझे लगता है कि मैने ज्यादा समय लिया, आम तौर पर मैं उतना समय नहीं लेता। यह पूछने पर कि क्या वह किसी खिलाड़ी को आदर्श मानते हैं, ओझा ने कहा, मैं एडम गिलक्रिस्ट का खेल देखता था। वह बेहतरीन विकेटकीपर और आक्रामक बल्लेबाज थे। मैंने पहले एशेज टेस्ट में ब्राड हाडिन को देखा कि वह स्पिनरों और तेज गेंदबाजों के सामने कैसे विकेटकीपिंग करते हैं।